नई दिल्ली । कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सदन में आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने आम बजट में गरीब और कोरोना संकट के दौरान बेरोजगार हुए लोगों के संकट को नजरअंदाज कर दिया उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी स्तर में हुई बढ़ोतरी का सवाल भी उठाया।उन्होंने कहा ,”लोगों के पास रोजगार नहीं है लेकिन आपने तो बेरोजगारी का जिक्र भी नहीं किया अपने बजट स्पीच में?
सिब्बल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अमीरों के हितों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि “2018 में, देश में 1% लोगों के पास 58% संपत्ति थी। 2019 में, 1% लोगों के पास सिर्फ एक साल में 73% संपत्ति थी… यह क्रोनी कैपिटलिज्म का एक क्लासिक मामला है”
कपिल सिब्बल के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस साल का आम बजट बेरोजगारी और गरीबी दूर करने के लिए लाया गया है। सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भारत सरकार ने 27 लाख करोड़ से ज्यादा का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जारी किया जो पांच छोटे बजट के बराबर है। उन्होंने कहा, “हमारा बजट रोजगार पैदा करने वाला बजट है, गरीबी दूर करने वाला बजट है…यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है अगर कैपिटल एक्सपेंडिचर अर्थव्यवस्था में बढ़ाई जाएगी तो रोजगार के बड़े स्तर पर नए अवसर पैदा होंगे”।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान थी विपक्ष ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सवाल उठाते हुए पेट्रोलियम मंत्री से तीखे सवाल पूछे। समाजवादी पार्टी के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने पूछा कि सीता माता की धरती नेपाल में पेट्रोल डीजल भारत से सस्ता है । रावण के देश श्रीलंका में भारत से कम कीमत है… तो क्या राम के देश में सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेगी?”
