नई दिल्ली । फैकल्टी की कमी से जूझ रहे नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) को राहत देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एम्स की नियुक्ति प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत दिल्ली समेत सभी एम्स के लिए कॉमन सेलेक्शन बोर्ड का गठन किया जाएगा और हर तीन महीने पर एक बार विज्ञापन निकालकर फैकल्टी की नियुक्ति की जाएगी। इसी महीने प्रस्तावित एम्स के केंद्रीय शासकीय निकाय की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत देशभर में प्रस्तावित 21 एम्स में से छह नए एम्स में एमबीबीएस और पीजी की पढ़ाई शुरू हो चुकी है, वहीं अगले साल से 3 से 4 और एम्स में पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है। सभी नए एम्स में फैकल्टी व गैर-फैकल्टी स्टाफ का टोटा है। चयन के बाद शासकीय बोर्ड से मंजूरी मिलने में होने वाली देरी को रोकने के लिए एक एचआर सशक्त उपसमिति के गठन का भी प्रस्ताव किया गया है। इस उप-समिति का काम चयनित उम्मीदवारों की अपने स्तर पर जांच परख करना और उनकी नियुक्ति के लिए आदेश जारी करना होगा।