विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों और निदेशकों की अटैच संपत्ति के तेजी से निपटारे के लिए धातु कबाड़ व्यापार निगम (एमएसटीसी) को उसकी नीलामी करने का निर्देश दिया है। साथ ही नीलामी से मिली रकम को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाने को कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी से मिले धन से अटके हुए प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने और घर खरीदारों का भरोसा लौटाने में मदद मिलेगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमाणी के सुझावों को पीठ ने स्वीकार कर लिया। शीर्ष अदालत ने ऋण वसूली ट्रिब्यूनल को अटैच संपत्तियों के कागजात एमएसटीसी के सुपुर्द करने को कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा राज्य हाउसिंग बोर्ड को रजिस्ट्री में 34 करोड़ रुपए जमा करवाने का निर्देश दिया है, जिसे आम्रपाली समूह ने आवासीय परिसर विकसित करने के लिए दिया था। पीठ ने कहा कि आम्रपाली द्वारा जमा करवाए गए किसी पैसे को जब्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह खरीदारों का धन है, जिसमें कंपनी ने हेराफेरी की थी। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट ने रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरडीए) को भी उसके पास जमा 19 करोड़ रुपए रजिस्ट्री में जमा करवाने का निर्देश दिया है। आरडीए के वकील ने कहा कि आम्रपाली ने तीन भूखंड के लीज के तौर पर यह रकम जमा करवाई थी।