-राजस्थान के अलवर में हुई अनोखी शादी
विशेष संवाददाता
अलवर । बेहतर सामाजिक संदेश देने वाली की चर्चा इन दिनों राजस्थान में हर कहीं सुनाई दे रही है। इस शादी में दुलहन की बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंची, वहीं आयोजन स्थल पर संविधान को साक्षी मानकर वचन और फेरे लिए गए। अलवर में हुई इस अनूठी शादी में मेहमानों से उपहार लेने के बजाय नवविवाहित जोड़े ने अपने गांव में सार्वजनिक लाइब्रेरी के लिए किताबें दान दीं। इतना ही नहीं, शादी पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री थी और मेहमानों को संविधान की एक कॉपी और पौधा शगुन में दिया गया। यह शादी अलवर शहर से 20 किमी दूर करोली गांव में हुई जहां हैदराबाद में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अजय जाटव और बबीता एक साथ परिणय सूत्र में बंध गए। अजय के घर रथ में सवार होकर पहुंचीं बबीता ने बताया, ‘अजय और मैं लिंग समानता का संदेश देने के लिए कुछ नया करना चाहते थे। हम अपनी शादी के जरिए एक सोशल मेसेज देना चाहते थे। मैं खुश हूं कि हमारे परिवार वालों ने हमारे आइडिया को अनुमति दे दी और अब लोग इस बारे में बात कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हमने कई लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया होगा।’बबीता जिस रथ पर सवार होकर दूल्हे के घर मे बारात लेकर गई थीं, उसमें एक ओर आंबेडकर और दूसरी ओर गौतम बुद्ध की तस्वीर लगी थी। इसके अलावा शादी समारोह में जोड़े ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर वचन लिए। बाद में संविधान की कॉपी को मेहमानों में भी बांटा गया। जोड़े ने करोली में एक लाइब्रेरी के लिए 30 हजार रुपये की किताबें भी उपहार में दीं। गांव के सरपंच राजू पंडित ने कहा, ‘अजय और बबीता ने लाइब्रेरी के रखरखाव के लिए भी पैसे दिए हैं जिसे जल्द ही यहां एक सरकारी इमारत में खोला जाएगा।’ उन्होंने कहा कि शादी में हर चीज यूनीक थी। कई लोगों का कहना था कि यह उस क्षेत्र में एक दलित जोड़े द्वारा दिया गया पावरफुल मेसेज था जहां दलितों के घोड़ी पर बैठने पर ही विवाद और मारपीट हो चुकी है।