नई दिल्ली। भारत की आनबान और शान मेरी कॉम सचमुच में ‘शानदार मेरी’ हैं और अब ‘चिरायु मेरी’ बनने के लिए तैयार हैं। यह करीब 8 साल पहले की बात है, जब 18 सिंतबर 2010 में ब्रिजटाउन बारबाडोस में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में मेरी कॉम दिखाई दी थीं। यहां उन्होंने लाइट फ्लाइवेट (48केजी) में रोमानिया की स्टेलुटा दुता को हराकर अपना 5वां वर्ल्ड क्राउन अपने नाम किया था। इसके बाद परिस्थितियों ने करवट ली और मेरी 8 साल के गैप के बाद वापस वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में लौटी हैं। इस दौरान वह 3 बच्चों की मां बन चुकी हैं। इसके बावजूद वह आज भी अपने फैन्स के लिए ‘शानदार मेरी’ हैं। अगर आज मेरी कॉम ने एक बार फिर यहां गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया, तो अपने फैन्स की नजर में वह ‘चिरायु मेरी’ के रूप में अपनी पहचान बना लेंगी।
रविवार को 48किलो कैटिगरी के फाइनल में मेरी कॉम यूक्रेन की हन्ना ओकोता से अपने छठे खिताब के लिए भिड़ेंगी। यह दूसरा मौका होगा जब 2006 के बाद मेरी कॉम अपने घरेलू दर्शकों के सामने इस मेडल के लिए रिंग में उतरेंगी। अगर इस बार मेरी यहां जीत दर्ज करती हैं, तो यहां वह आयरलैंड की कैटी टेलर को पछाड़कर वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में 6 गोल्ड जीतने वाली पहली महिला बॉक्सर बन जाएंगी। फिलहाल मेरी और टेलर 5-5 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतकर बराबरी पर हैं। मेरी की यह जीत उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के इतिहास में 6 खिताब जीतने के वर्ल्ड रेकॉर्ड की बराबरी पर भी ला देगा। अभी यह रेकॉर्ड पुरुष बॉक्सिंग में क्यूबा के फेलिक्स सेवोन के नाम है। सेवोन ने 1997 में बुडापेस्ट में आयोजित हुई चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर यह रेकॉर्ड अपने नाम किया था। आज होने वाली अपनी फाइट से पहले मेरी कॉम ने अपनी प्रतिद्वंद्वी के बारे में बात करते हुए कहा, मैंने उसे हाल ही में पोलैंड में संपन्न हुई सिलेसियान महिला ओपन टूर्नांमेंट के सेमीफाइनल में हराया है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि हन्ना भी सेमिफाइनल की मेरी पिछली प्रतिद्वंद्वी की तरह मरे खेल के वीडियो देखकर उसे समझने और तोड़ ढूंढने की रणनीति बना रही होगी और मैं भी ऐसा ही कर रही हूं।
आज खेले जाने वाले फाइनल में दोनों खिलाड़ियों की बात करें, तो दोनों की उम्र में 13 साल का अंतर है। यूक्रेन की बॉक्सर हन्ना अभी 22 साल की हैं, लेकिन अपने उम्दा खेल की बदौलत उन्होंने ‘हंटर’ नाम से अपनी पहचान बना ली है। उन्होंने यूरोपियन यूथ चैंपियनशिप्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। यूक्रेन के गोरिश्नी प्लावनी से आने वाली हन्ना ने बताया, एक टूर्नांमेंट के दौरान अनाउंसर द्वारा मेरे नाम का गलत उच्चारण करने के चलते मेरा नाम हंटर पड़ गया। मेरी स्ट्रोन्ग बॉक्सर हैं, जो भारत की स्टार हैं और महिला बॉक्सिंग की लेजंड हैं। उनके जैसी खिलाड़ी के सामने फाइनल खेलना गर्व की बात है।
