विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । वैश्विक अर्थव्यवस्था में इन दिनों भंयकर सुस्ती छाई हुई है। पिछले दिनों आईएमएफ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि करीब 90 फीसदी देशों की विकास दर इस साल कम रहेगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था पर इसका असर अब साफ-साफ दिखने लगा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच सालों में (2024 तक) जीडीपी का आकार लगभग दोगुना कर 5 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। भारत का ग्रोथ रेट भले ही इस वित्तवर्ष में घट गया है, लेकिन अगले वित्तवर्ष से इसमें तेजी की संभावना है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सालों के बाद वैश्विक जीडीपी में योगदान के मामले में भारत अमेरिका से आगे निकल जाएगा।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन का योगदान 2018 के 32.70 फीसदी के मुकाबले गिरकर 28.30 फीसदी पर पहुंच जाएगा, जबकि ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 3 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताया गया है। पांच साल बाद भारत का योगदान करीब 15.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि अमेरिका का योगदान 13.8 फीसदी (2018-19) से घटकर 9.2 फीसदी पर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेड वॉर का जीडीपी पर बुरा असर पड़ा है। इंटरनैशनल ट्रेड में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है,जिसका असर अगले पांच सालों तक दिखाई देगा। बात अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की करें तो वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष से ग्रोथ रेट में तेजी आएगी। 2021 में ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी और संभव है कि 2022 में यह 7.2 फीसदी तक पहुंच जाए।