नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों को स्टील स्लेग से बनाने का नया प्रयोग सफल रहा है।
काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआईआई आर)ने इसकी रिपोर्ट जारी की है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों में गिट्टी के स्थान पर स्टील के छोटे-छोटे टुकड़ों का प्रयोग किया गया। यह टुकड़े स्टील फैक्ट्रियों से ही बनकर आए थे।
प्रायोगिक तौर पर झारखंड में एनएच 33 में दो स्थानों पर स्टील सिलेग का इस्तेमाल कर रोड बनाने का काम किया गया। 500 मीटर लंबी रोड को करीब 2 साल पहले और डेढ़ किलोमीटर रोड को 1 साल पहले बनाया गया था। स्टील स्लैग का उपयोग करने से रोड बनाने की कीमत भी घटेगी और सड़कें भी मजबूत होंगी।
उल्लेखनीय है, भारत में प्रतिवर्ष 1.85 करोड़ टन स्टील का सॉलिड वेस्ट होता है।2030 तक यह बढ़कर 4.5 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।ऐसी स्थिति में गिट्टी के विकल्प में स्टील स्लैग सबसे मुफीद साबित हो रहा है। विभिन्न राज्यों में गिट्टी की कीमत अभी 850 से लेकर 1500 रुपए टन तक है। जबकि स्टील स्लैग की कीमत 250 से 300 प्रति टन है। जहां पर स्टील का सॉलिड वेस्ट निकलता है। वहां की सड़कें काफी कम लागत में तैयार हो सकेंगी।
