विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ गई है। सीबीआई वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम को सशर्त जमानत दी थी। शर्त यह थी कि पी. चिदंबरम बिना निचली अदालत की अनुमति के विदेश नहीं जा सकेंगे तथा जांच में सहयोग करेंगे। अब सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
सीबीआई ने अपनी याचिका में मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश पर फिर से विचार करें। सीबीआई ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि पी चिदंबरम ने इस मामले में गवाहों के प्रभावित किया है। सीबीआई ने कहा कि पी चिदंबरम के खिलाफ 2 गवाहों ने इस बाबत अपना बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया है। ऐसे में पी चिदंबरम की जमानत रद्द होनी चाहिए। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को सशर्त जमानत दी थी। पी चिदंबरम बिना निचली अदालत की अनुमति के विदेश नहीं जा सकते। उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। जब भी जांच एजेंसी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी उन्हें जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस फैसले का असर चिदंबरम के खिलाफ चल रहे किसी दूसरे मामले पर नहीं पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस दलील को माना जिसमें उन्होंने कहा था कि पी चिदंबरम दो महीने से जेल में बंद है। पी चिदंबरम की उम्र 74 साल है, वह उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रसित है। इस मामले में दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह सॉलिसिटर जनरल की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि ज़मानत पर रिहा होने के बाद चिदंबरम ‘फ्लाइट रिस्क’ हो सकते हैं।
कोर्ट ने कहा था कि हम एसजी की इस दलील से भी सहमत नहीं है कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों में आर्थिक अपराधियों की रिहाई ‘फ्लाइट रिस्क’ साबित हो सकती है। इस मामले में दूसरे आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। ऐसे में चिदंबरम भी जमानत के हकदार हैं। बता दें कि सीबीआई से अलग ईडी मामले में भी पी चिदंबरम हिरासत में हैं।