विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया है। याचिका में पंजाब सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई थी जिसमें धान की रोपाई को एक सप्ताह पहले करने की बात कही गई थी। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि इससे अगली फसल के लिए ज्यादा समय मिलेगा और वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा। पंजाब के रहने वाले जय गोपाल धीमान ने पंजाब सरकार की अधिसूचना के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। दरअसल 4 जून को पंजाब सरकार ने किसान संगठनों की मांगों को देखते हुए धान की बुआई को 20 जून के बजाए एक सप्ताह पहले 13 से करने की एक अधिसूचना जारी की थी। संगठनों की शिकायत थी देर से बुआई के कारण फसलों में अत्यधिक नमी रहती है।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि यह तथ्य है कि रोपाई की तारीख आगे बढ़ाने से अगली फसल के लिए और समय मिलेगा जिससे वायु की गुणवत्ता बनी रहेगी। इन तथ्यों के मद्देनजर हमें ऐसा कोई कारण नहीं लगता कि इसमें और फैसला दिया जाए। हालांकि एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि रोपाई की तारीख बदलकर 20 जून करने से भूजल बचाने में मदद मिलेगी और पराली जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण रुकेगा। एनजीटी द्वारा गठित समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय एवं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एक-एक वैज्ञानिक शामिल हैं। समिति ने कहा कि धान की अल्पकालिक किस्मों की उपलब्धता से पानी की बचत होती है।