विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली | जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी मामला सोमवार तक सुलझने की पूरी संभावना है। केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय समिति इस हॉस्टल मैनुअल ड्राफ्ट के बजाय छात्रसंघ के सहयोग से नया ड्राफ्ट बनाने की सिफारिश कर सकती है। उसमें भी हॉस्टल फीस बढ़ोतरी तो होगी पर बेहद आंशिक। शुक्रवार शाम 4 से 6 बजे तक समिति ने कैंपस में 35 से अधिक छात्रों से दिक्कतों पर बात की। इस दौरान छात्रसंघ समेत आम छात्रों की ओर से दिक्कतों के साथ समाधान भी सुझाया गया। छात्रसंघ की मांग है कि पहले हॉस्टल मैनुअल ड्राफ्ट को पूरी तरह वापस लेते हुए नया ड्राफ्ट तैयार हो। इसमें छात्रसंघ की भी भागीदारी हो। छात्रसंघ भी हॉस्टल फीस बढ़ाने को तैयार है, पर आम छात्रों की सहमति से। इससे पूर्व, विद्यार्थियों ने नॉर्थ गेट से कुलपति कार्यालय तक मानव शृंखला बनाई थी।
कैंपस में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने कुलपति कार्यालय की दूसरी मंजिल में छात्रसंघ और आम छात्रों के साथ बैठक की। समिति ने सभी छात्रों से उनकी दिक्कतों की जानकारी ली।अंदर बैठक चल रही थी तो बाहर आम छात्रों ने बैनर, तख्ती आदि के साथ हॉस्टल मैनुअल रोलबैक की मांग की। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मर्जी से कोई फैसला उन पर नहीं थोप सकता है।
इससे पहले सुबह साबरमती ढाबे के बाहर जेएनयू एबीवीपी इकाई ने हॉस्टल मैनुअल को पूरी तरह वापस लेने की मांग के साथ विरोध दर्ज करवाया। एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
उधर, बैठक में कमेटी के पक्ष की जानकारी देते हुए छात्रसंघ महासचिव सतीश यादव ने कहा कि कमेटी ने विद्यार्थियों की मांगों पर सहमति जताई, लेकिन उन्होंने बैठक में किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि उनकी बात को माना जाएगा या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वह अपनी संस्तुति देंगे।