विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों को हनीट्रैप में फंसाने का बड़ा प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे प्लान को आईएसआई के एक अधिकारी के जरिए अंजाम दिया जा रहा है।अब इस मामले की जांच का जिम्मा गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA को सौंपा है। बीते दिनों आंध्र प्रदेश की काउंटर इंटेलिजेंस सेल ने हनीट्रैप के कई मामले पकड़े थे, जिसमें नेवी के कई जवान शामिल थे।बड़े जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद भारतीय नौसेना ने अपने जवानों को सोशल मीडिया और स्मार्टफोन से दूर रहने को कहा है। बेड़े पर तैनात जवानों को भी फोन रखने से मना किया गया है। बता दें कि केंद्रीय खुफिया विभाग और आंध्र पुलिस के संयुक्त अभियान में सात नाविक गिरफ्तार किए गए थे।
आरोपियों ने नौसेना और पनडुब्बियों से संबंधित कई संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान को भेजी थी। इन आरोपियों में एक हवाला कारोबारी भी शामिल है।संसद सत्र के दौरान रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने बताया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप को एक उपकरण के तौर पर प्रयोग करने का प्रयास किया है। नौ दिसंबर को राज्यसभा में एक प्रश्न पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की आईएसआई भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए एक उपकरण के रूप में हनीट्रैप का उपयोग करती है? इसका उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा, “एजेंसी द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को हनीट्रैप करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि सेवा कर्मियों और उनके परिवारों को नियमित तौर पर विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा हनीट्रैप के इस्तेमाल पर मॉडस ऑपरेंडी के तौर पर जागरूक किया जाता है।