नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स में मरीजों की भीड़ और बिस्तरों की कमी से दिक्कत बनी हुई है, लेकिन साल 2019 में इस परेशानी से थोड़ी बहुत राहत जरूर मिल सकती है। एम्स के मास्टर प्लान में दावा है कि 2456 बिस्तरों वाले इस संस्थान में 4 ब्लॉक बनने के बाद करीब 925 बिस्तरों की बढ़ोतरी होगी। जिसके बाद मरीजों को भर्ती होने के लिए ज्यादा मारामारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस समय प्रति बिस्तर 100 से ज्यादा मरीजों का भार झेल रहा एम्स कैंसर मरीजों के लिए भी दिसंबर अंत तक झज्जर स्थित नेशनल कैंसर संस्थान को शुरू करने जा रहा है। 710 बिस्तरों वाले इस संस्थान में पहले चरण के तहत मरीजों को 250 बेड और ओपीडी की सुविधा मिलनी शुरू होगी। एम्स के डॉक्टरों की मानें तो इन सभी योजनाओं का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। अगले पांच से छह माह के बीच इन्हें मरीजों के लिए खोला जा सकता है। नेशनल कैंसर संस्थान के उद्घाटन के लिए अभी दिन तय नहीं हुआ है, लेकिन इतना निश्चित है कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक इसे शुरू कर दिया जाएगा।
इन इमारतों में जल्द दिखेंगे मरीज
अगले कुछ माह में एम्स परिसर में कुछ नई इमारतों में मरीज दिखाई दे सकेंगे। इनमें 200 बिस्तर वाला सर्जिकल ब्लॉक 12 ऑपरेशन थियेटर के साथ पूरी तरह बनकर तैयार है। नए ओपीडी ब्लॉक में 570 कमरों के साथ 6500 मरीजों के प्रति दिन आने की क्षमता है। इसका निर्माण कार्य 85 फीसदी पूरा हो चुका है। वहीं, मातृ-शिशु ब्लॉक 425 बिस्तरों की क्षमता के साथ 65 फीसदी बनकर तैयार है। 113 कमरों के निजी वार्ड भी 60 फीसदी पूरे हो चुके हैं। 100 बिस्तरों वाला बर्न एंड प्लास्टिक ब्लॉक 75 फीसदी और 200 बिस्तरों वाला जेरिएट्रिक ब्लॉक फिलहाल 21 फीसदी बनकर तैयार है।
मरीजों को 300 बेड का मिला विश्राम सदन
एम्स के ट्रामा सेंटर परिसर में विश्राम सदन की सुविधा मरीज और तीमारदारों को मिलनी शुरू हो गई है। करीब 300 बिस्तरों की क्षमता वाले इस सदन के लिए डॉक्टर की मंजूरी लेकर रियायती दर पर सुविधा ली जा सकती है।
बुजुर्गों को करना पड़ेगा इंतजार
एम्स के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि साल 2019 के अंत तक झज्जर स्थित नेशनल कैंसर संस्थान में मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। साथ ही सर्जिकल, मातृ शिशु, ओपीडी, निजी वार्ड, बर्न एंड प्लास्टिक ब्लॉक भी शुरू हो जाएगा। हालांकि, बुजुर्गों के लिए जेरिएट्रिक सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2020 तक इंतजार करना पड़ सकता है।
एम्स अस्पताल के फैक्ट्स
बिस्तरों की क्षमता 2456
सालाना ओपीडी 43 लाख
एक साल में भर्ती 245495
एक साल में सर्जरी 194015