विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली । दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा पर सियासत गरमा गई है. हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में बीजेपी और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मामले का हल निकालना चाहिए.
हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू के बहादुर विद्यार्थियों के साथ एकजुटता के लिए. यह क्रूर हमला जेएनयू विद्यार्थियों को दंडित करने लिए है, क्योंकि उन्होंने उठ खड़े होने की जुर्रत की. यह इतना बुरा है कि केंद्रीय मंत्री भी असहाय की तरह ट्वीट कर रहे हैं. मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि कि पुलिसकर्मी गुंडों का पक्ष क्यों ले रहे हैं.’
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी ट्वीट किया, ‘एआईएमआईएम जेएनयू के छात्रों के साथ खड़ा है. छात्रों की आवाज से कौन डरा महसूस कर रहा है?’ जेएनयू हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मैं इस हिंसा की कड़ी आलोचना करता हूं. इस बारे में कोई शक नहीं है कि जो लोग हिंसा में शामिल हैं, उन्हें वहां बैठी ताकतों ने ही हरी झंडी दी. नकाबपोशों ने कायराना तरीके से छात्रों पर हमला किया. उन्हें रॉड और स्टिक के साथ जेएनयू कैंपस में प्रवेश करने की इजाजत दी गई. ये कैसे हुआ ? सच सबके सामने आना चाहिए.’
बता दें कि जेएनयू परिसर में घुस कर नकाबपोश व्यक्तियों ने लाठी-डंडों और छड़ों से छात्रों-टीचर्स की पिटाई की. यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. उसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा. यूनिवर्सिटी कैंपस में करीब दो घंटे तक अराजकता का माहौल रहा. इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कम से कम 34 लोग घायल हो गए. गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है. पुलिस ने इस मामले में पहली एफआईआर भी दर्ज कर ली है.