मुंबई। संवाददाता
कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती बॉलीवुड एक्टर कादर खान का निधन हो गया है। कई दिनों से चल रहें कादर खान को कुछ दिनों पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद बाईपेप पर रखा गया था।
81 वर्षीय कादर खान को गंभीर हालत में कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। कादर खान को आखिरी बार 2015 में आई फिल्म दिमाग का दही में देखा गया था।
इस बारे में जानकारी देते हुए कादर खान की बेटे सरफराज ने बताया- मेरे पिता हमें छोड़ कर चले गए हैं, उन्होंने 31 दिसंबर को शाम 6ः00 बजे अंतिम सांस ली। सरफराज ने बताया कि दोपहर में ही कादर खान कोमा में चले गए थे। दिवंगत अभिनेता का अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के सभी सदस्य यही है एवं हम भी यही रहते हैं, इसलिए हमने अंतिम संस्कार कनाडा में करने का फैसला किया।
प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी डिसऑर्डर से ग्रसित कादर खान के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी हालत की जानकारी मिलते ही फैंस से लेकर फिल्म सितारे तक कादर खान के ठीक होने की दुआ कर रहे थे। गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही कादर खान की निधन की खबर सामने आई थी, जिसे सरफराज ने गलत बताया था।
22 अक्टूबर 1937 में काबुल में जन्मे कादर खान ने 1973 में फिल्म दाग से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में राजेश खन्ना मुख्य किरदार में थे। इससे पहले कादर खान रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म जवानी- दिवानी के लिए संवाद लिख चुके थे। एक पटकथा लेखक के रूप में कादर खान ने मनमोहन देसाई एवं प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्में लिखी।
मनमोहन देसाई के साथ मिलकर कादर खान ने धर्मवीर, गंगा जमुना सरस्वती, कुली, देश प्रेमी, सुहाग, अमर अकबर एंथनी और मेहरा के साथ ज्वालामुखी, शराबी, लावारिस और मुकद्दर का सिकंदर जैसी फिल्में लिखी। खान ने कुली नंबर वन, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, कर्मा, सल्तनत जैसी फिल्मों में संवाद लिखे। कादर खान ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया तथा 250 से ज्यादा फिल्मों में संवाद लिखें।
