प्रतिनिधि
नई दिल्ली. दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शुक्रवार 3 बजे एक बार फिर वहां पहुंच सकते हैं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ प्रदर्शनकारियों से दोबारा बातचीत की कोशिश करेंगे. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थ बुधवार को पहली बार शाहीन बाग गए थे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने की कोशिश की थी. लेकिन प्रदर्शनकारियों और मध्यस्थों के बीच हुई बातचीत को कोई भी नतीजा नहीं निकल सका.
15 दिसंबर से हो रहा है प्रदर्शन
बता दें, शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून , एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन 15 दिसंबर से लगातार जारी है. इन प्रदर्शनों पर दिल्ली चुनाव के दौरान भी काफी राजनीति भी हुई. इस दौरान मध्यस्थों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे रविवार तक प्रदर्शनकारियों से बातचीत जारी रखेंगे. इस दौरान साधना रामचंद्रन ने कहा था कि वे लोग प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए गुरुवार को फिर आएंगे. इससे पहले संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. बुधवार को मीडिया से बातचीत में संजय हेगड़े ने वहां कहा प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के लिए वहां आने की बात कही थी.
मीडिया के सामने बातचीत से किया था इनकार
इस दौरान मध्यस्थों ने मीडिया के सामने बातचीत करने से इनकार कर दिया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तीसरे मध्यस्थ वजाहत हबीबुल्लाह को बुलाने की मांग की. जिन्हें वहां बुलाया भी गया. बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में इलाके में 15 दिसंबर 2019 से संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ महिलाओं और बच्चे प्रदर्शन कर रहे हैं.
इन कानूनों का हो रहा लगातार विरोध
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में लगातार प्रदर्शन चल रहा है. इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण लेने आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के उन लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. वैसे लोग जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आ चुके हैं, वे भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. वैसे इस कानून के विरोधी गैर-मुस्लिमों की नागरिकता देने के प्रावधान पर धार्मिक भेदभाव वाला है बता रहे हैं.