एजेंसी
नई दिल्ली । दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का एक ही नारा है। हम रोड नहीं खोलेंगे, जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जातीं। प्रदर्शन स्थल से वार्ताकारों के जाने के बाद भी लोगों हुजूम जगह-जगह पर ग्रुप बनाकर चर्चा करता हुआ दिखाई दे रहा था कि आगे अब क्या होगा। प्रदर्शनकारी सबिकन का कहना है कि वार्ताकारों का कहना है कि अगर बातचीत से हल नहीं निकल पाएगा, तो सुप्रीम कोर्ट में मामला जाएगा। मगर अब हम हर चीज के लिए तैयार हैं, क्योंकि हम अपने घर से कफन बांधकर आए हैं। सीएए-एनपीआर को वापस लेना होगा। जब तक यह कानून वापस नहीं होगा, तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे। प्रदर्शन स्थल पर बैठीं शायरा का कहना है कि 12 बजे से लेकर 1 बजे तक काम पर गई थीं। सिर्फ वार्ताकार के सामने अपनी बात रखने के लिए आई हूं। मैं यह कहना चाहती हूं कि मेरे दो बेटे हैं और उनकी पढ़ाई से लेकर सभी काम मैं संभालती हूं। मैं अपने बच्चों के भविष्य पर ध्यान दूं या अपनी नागरिकता साबित करूं।
