-एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं: मोदी
-पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के बाद एएमयू को संबोधित करने वाले दूसरे पीएम बने मोदी
-मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट 70 फीसदी से घटकर अब करीब 30 फीसदी रह गया है
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह को मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की दीवारों में देश का इतिहास है, यहां पढ़ने वाले छात्र दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोदी ने कहा कि मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है। पीएम मोदी के पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू मेंभाषण दिया था।
इस अवसर पर पीएम ने दावा किया कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। उन्होंने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एएमयू से तालीम लेकर निकले सारे लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों पर ही नहीं बल्कि दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हुए हैं। पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70 फीसदी से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30 फीसदी रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं। मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा नेशन फर्स्ट के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके पूर्व पीएम मोदी की तरफ से यूनिवर्सिटी का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद वीसी ने उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया था। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) समुदाय विश्वविद्यालय के समारोहों में भाग लेने के लिए उनकी स्वीकृति के लिए आभारी है।
अब से पहले तीन बार जारी हो चुका डाक टिकट:
केंद्र सरकार की ओर से एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के नाम से अब से पहले तीन बार डाक टिकट जारी किया जा चुका है। आखिरी बार वर्ष 2017 में एएमयू संस्थापक की जयंती को 100 वर्ष पूरे होने पर भी डाक टिकट जारी किया गया था।