कहा- मोदी के सामने मुद्दा उठाएं
चंडीगढ़। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के 45वें दिन भी किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन किया। इस बीच, ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने पीएम बोरिस जॉनसन को किसानों के मसले पर चिट्ठी लिखी है। इस पर 100 से ज्यादा सांसदों के दस्तखत हैं। चि_ी के जरिए मांग की गई कि जॉनसन इस मुद्दे को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएं। चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन शांति से प्रदर्शन करने के अधिकार की अहमियत समझते हैं। उन्हें इस मुद्दे की पूरी समझ भी है।
धेसी ने सोशल मीडिया पर दिए मैसेज में कहा कि वे चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले 100 से ज्यादा सांसदों और लॉड्र्स के आभारी हैं। उन्होंने विरोध कर रहे भारतीय किसानों के लिए चिंता जाहिर की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बोरिस जॉनसन इस मसले को भारतीय प्रधानमंत्री के सामने उठाने में तेजी दिखाएंगे, ताकि यह गतिरोध खत्म हो सके।
मायावती ने कहा- सरकार कानून वापस ले
उधर, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत नाकाम रहना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग मानकर इस समस्या का जल्द समाधान करे।
अभय चौटाला ने किया इस्तीफे का ऐलान
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अल्टीमेटम दिया है कि अगर केंद्र सरकार ने 26 जनवरी तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वह किसानों के समर्थन में 27 जनवरी को हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। अभय चौटाला किसानों के समर्थन में बहादुरगढ़ के जाखौदा बाइपास पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि वह प्रदेश भर में कृषि कानूनों और भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। कानूनों को बनाने से पहले केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से राय लेना जरूरी नहीं समझा।