पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष के मद्देनज़र विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों के जरिये करीबी संवाद बनाये हुए हैं ताकि विवाद वाले सभी बिन्दुओं पर सैनिकों का पूर्ण रूप से पीछे हटना सुनिश्चित किया जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता करने पर सहमति व्यक्त की है और इस संबंध में लगातार सम्पर्क में हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष वाले सभी बिन्दुओं पर सैनिकों का पूर्ण रूप से पीछे हटना सुनिश्चित करने तथा शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिये भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों के जरिये करीबी संवाद बनाये हुए हैं।”
श्रीवास्तव, पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध को लेकर वार्ता की वर्तमान स्थिति के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच पिछले आठ महीने से गतिरोध की स्थिति है। पिछले महीने भारत और चीन के बीच सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के कार्यकारी मंत्र के ढांचे (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत राजनयिक स्तर की वार्ता हुई थी।
श्रीवास्तव ने कहा ‘‘जैसा कि आपको मालूम है कि डब्ल्यूएमसीसी स्तर की पिछली बैठक 18 दिसंबर को हुई थी। दोनों पक्षों ने अगली, वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक पर सहमति व्यक्त की थी और इस संबंध में वे राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से लगातार सम्पर्क में हैं।”
आठवें और पिछले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता छह नवंबर को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने संघर्ष वाले बिन्दुओं से सैनिकों को पीछे हटाने के बारे में चर्चा की थी।