नई दिल्ली । पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी। चिदंबरम ने कहा कि राज्यसभा के रिकॉर्ड और वीडियो रिकॉर्ड यह साबित कर देंगे कि कृषि कानूनों पर पूरी तरह चर्चा नहीं हुई, कुछ सांसदों के माइक्रोफोन बंद कर दिए गए और मत विभाजन की मांग को भी ठुकरा दिया गया। उन्होंने विदेश मंत्रालय के उस बयान को सच्चाई का उपहास करार दिया है, जिसमें कहा गया था कि कृषि कानूनों को संसद में पूरी बहस के बाद पारित किया गया था। चिदबंरम ने कहा कि अगर विदेश मंत्रालय ही सच्चाई को तोड़-मरोड़ने का प्रयास करेगा तो कौन उनके बयान पर यकीन करेगा।
ज्ञात रहे कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि संसद ने पूरी बहस औऱ चर्चा के बाद इन सुधारवादी कृषि कानूों को पारित किया था।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह बयान अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रिटी रिहाना , पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के ट्वीट के बाद जारी किया था। इन सेलेब्रिटी ने किसान आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई थी।
