
चंद्र ग्रहण 2025 : कल पूरे भारत में दिखाई देगा,
चंद्र ग्रहण 2025 : कल पूरे भारत में दिखाई देगा, 2022 के बाद का सबसे लंबा पूर्ण ग्रहण।
भाद्रपद पूर्णिमा पर इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा, जिसका प्रभाव पूरे देश में देखा जाएगा। 7 सितंबर 2025 को होने वाला चंद्र ग्रहण वैज्ञानिक नजरिए से विशेष खगोलीय घटना माना जा रहा है। ये भारत सहित एशिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, अंटार्कटिका जैसी कई देशों में देखा जा सकेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसे "रक्त चंद्रमा" या ब्लड मून कहा जाता है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए दिखाई देता है। तो चलिए जानते हैं कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण की क्या टाइमिंग रहेगी, साथ ही सूतक काल कितने बजे से शुरू होगा...
ग्रहण का समय और दृश्यता
भारतीय समयानुसार, ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा, जिसका समापन 8 सितंबर की अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण के सबसे महत्वपूर्ण और पीक टाइमिंग की बात की जाए तो ये 7 सितंबर 2025 को रात 11:00 बजे आंशिक ग्रहण शुरू होगा और 11:59 बजे से 1:22 बजे तक पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। यह ग्रहण तड़के 2:26 बजे तक चलेगा। ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 28 मिनट की होगी, जिसमें से पूर्णता लगभग 1 घंटा 23 मिनट तक रहेगी। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल हो जाएगा, जिसे हम “ब्लड मून” के नाम से पुकारते हैं।
चंद्र ग्रहण के सूतक काल की टाइमिंग
7 सितंबर 2025 को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर लग जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सनातन धर्म में ग्रहण चाहे वह सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों के समय को अशुद्ध काल माना जाता है, जिसे ‘सूतक काल’ भी कहा जाता है। सूतक काल ग्रहण शुरू होने से कुछ घंटे पहले शुरु हो जाता है और ग्रहण समाप्त होने तक रहता है। यह काल नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभावों से युक्त होता है, इसलिए इसमें कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। बता दें कि सूतक काल में भोजन करना, सोना और पूजा-पाठ वर्जित माना जाता है। इसके अलावा इस काल को अशुद्ध मानकर मंदिरों के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ वर्जित होता है। हालांकि ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है।
खास है यह चंद्र ग्रहण
ज्योतिष के मुताबिक, 7 सितंबर को दिखने वाला चंद्र ग्रहण बहुत ही खास माना जा रहा है। क्योंकि इस दिन से ही 15 दिनों के पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत होने जा रही है। इसलिए, इस दिन अगर पितरों का श्राद्ध या पिंडदान करते हैं तो चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले ही सभी अनुष्ठान पूर्ण कर लें। जैसा कि इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है ऐसे में इस दिन अपने पितरों का स्मरण करके गरीबों को दान जरूर करें।
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