
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी,
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी, पीएम मोदी ने डाला सबसे पहला वोट
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं, जिसके बाद आखिरकार अब 9 सितंबर को इसके लिए वोटिंग हो रही है और शाम तक नतीजे आ जाएंगे। उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया गया था। बता दें कि एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार चुना, वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से बी सुदर्शन रेड्डी दावेदारी कर रहे हैं। संसद भवन में आज लोकसभा और राज्यसभा के सांसद सुबह 10 से बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग करेंगे। फिर वोटों की गिनती की प्रकिया शाम 6 बजे से शुरू होगी और उसके कुछ ही समय बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। इसके बाद आज भारत को अपना नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला वोट डाला है। वोट डालने के बाद पीएम मोदी संसद भवन से निकल गए हैं। आइए जानते हैं इस उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी हर छोटी बड़ी अपडेट...
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग कैसे होती है?
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य वोट करते हैं। बता दें कि इस चुनाव में विधानसभाओं या विधान परिषदों के सदस्य शामिल नहीं होते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से होता है। बैलेट पेपर यानी की मतपत्र सफेद रंग के होते हैं, जिसमें दो कॉलम रहते हैं, एक कॉलम में हिंदी और अंग्रेजी में उम्मीदवारों के नाम और दूसरे कॉलम में वोट देने के लिए जगह खाली रहती है। खाली जगह पर सांसदों को उम्मीदवार के नाम के सामने केवल '1' या '2' अंक लिखकर अपनी पसंद बतानी हती है। पसंद केवल अंकों में ही लिख सकते हैं, शब्दों में नहीं, अन्यथा वोट अमान्य हो जाएगा।
इस खास पेन से डाले जाते हैं वोट
भारत में जब उपराष्ट्रपति का चुनाव होता है, तो वोट डालने के लिए एक खास पेन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सांसद अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट करते हैं। इस चुनाव में इस्तेमाल होने वाला पेन भी चर्चा का विषय रहता है क्योंकि यह कोई साधारण पेन नहीं होता, बल्कि चुनाव आयोग का दिया हुआ बैंगनी रंग वाला खास पेन होता है। अगर कोई अपनी मर्ज़ी से दूसरे रंग के पेन का इस्तेमाल करता है, तो उसका वोट रद्द हो सकता है। यह पक्का करता है कि किसी तरह की धोखाधड़ी ना हो। ऐसा करने से चुनाव निष्पक्ष और गुप्त रहता है। इस पेन का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करता है कि कोई यह नहीं जान पाता कि किसने किसको वोट दिया। बता दें कि चुनाव आयोग हर बार पेन की जांच करता है और उसके बाद ही मतदान की प्रक्रिया शुरू होती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटों की गिनती कैसे होती है?
उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग पूरी होने के बाद बैलेट पेपर से पर्ची निकालकर इन्हें वरीयता के हिसाब से अलग-अलग किया जाता है। सबसे पहले देखा जाता है कि किस उम्मीदवार को कितनेकितने वोट मिले हैं। अगर किसी उम्मीदवार को कुल वैध वोटों का 50% से ज्यादा "1 नंबर" वोट मिलता है, तो वह जीत जाता है। इससे नीचे आने वाले उम्मीदवारों को काउंटिंग से बाहर कर दिया जाता है। जीतने के बाद उपराष्ट्रपति शपथ लेते हैं। बता दें कि पिछली बार, अगस्त 2022 में हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने 528 वोट हासिल किए थे, जबकि विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे।
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