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  • Tuesday, 09 September 2025
आखिर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस?

आखिर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस?

National Sports Day 2025 : आखिर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस? जानें इस दिवस का महत्व और इतिहास

 
आज पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 29 अगस्त यानी आज के दिन नेशनल स्पोर्ट्स-डे मनाया जाता है। बता दें कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ओलंपिक से लेकर कई बड़े टूर्नामेंट में मेजर ध्यानचंद ने भारत को हॉकी में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि ध्यानचंद का नाम भारतीय हॉकी के इतिहास में स्वर्णिम पन्नों में लिखा गया है। एक ऐसा दौर भी हुआ करता था जब भारतीय हॉकी टीम को हराना काफी मुश्किल हुआ करता था। मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और उनके योगदान को देखते हुए देश में उनकी जयंती पर 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। मेजर ध्यान चंद ने अद्भुत खेल के दम पर भारत को तीन बार ओलिंपिक स्वर्ण पदक दिलाया।


तीन दिन खेल के मैदान पर होगा इंडिया


साल 2025 में राष्ट्रीय खेल दिवस को खेल और फिटनेस के तीन दिवसीय ‘जन आंदोलन’ के रूप में मनाने की तैयारी की गई है। इस समारोह का नेतृत्व 'फिट इंडिया मिशन' की ओर से किया जा रहा है। इसे 29 अगस्त ले लेकर 31 अगस्त तक खेल एवं फिटनेस आंदोलन के रूप में आयोजित किया जाएगा। यानी की तीन दिन एक घंटा खेल के मैदान पर होगा इंडिया। जानकारी के मुताबिक, खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले सप्ताह 'राष्ट्रीय खेल दिवस 2025' को एक सच्चे जन आंदोलन के रूप में मनाने की अपील की थी। सरकारी संस्थान, राष्ट्रीय खेल महासंघ और सामुदायिक संगठनों ने आम जनता से समारोह में शामिल होने की अपील की है। इनके साथ ही अभिनव बिंद्रा, सुनील छेत्री, मुरली श्रीशंकर, पीवी सिंधु, मनिका बत्रा, मीराबाई चानू जैसे मशहूर एथलीट्स ने भी लोगों से इसमें भाग लेने का आग्रह किया।


इस दिन को नयी शक्ल देने की कोशिश


तीन दिवसीय ‘जन आंदोलन’ कार्यक्रम के दौरान मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने के बाद फिट इंडिया की शपथ ली जाएगी। इसके बाद 29 अगस्त को एक घंटे तक खेलकूद का आयोजन होगा। फिर दूसरे दिन पूरे देश में अन्य खेलों जैसे खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, सैक रेस, रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताएं होंगी। तीसरे दिन समारोह का समापन 'फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल' के साथ होगा। बता दें कि 'फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल' यह साइकिलिंग को जीवन के अभिन्न अंग के रूप में बढ़ावा देने का एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।


मेजर ध्यान चंद से जुड़ी खास बातें


मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम समेश्वर दत्त सिंह था और वो भारतीय सेना में सिपाही थे। समेश्वर दत्त सिंह को हॉकी खेलना बेहद पसंद था। अपने पिता को देखते हुएमेजर ध्यानचंद ने सेना में जाने का फैसला किया। 1922 में महज 16 साल की उम्र में ध्यानचंद ने ब्रिटिश आर्मी ज्वाइन कर लिया था। ऐसा कहा जाता है कि उस समय आर्मी के जवानों की दिलचस्पी हॉकी और फुटबॉल की तरफ ज्यादा थी। लेकिन ध्यान चंद जी को हॉकी खेलने में कोई इंटरेस्ट नहीं था। वह अपने साथी जवानों को चुपचाप बैठकर हॉकी खेलते हुए देखते थे। लेकिन एक बार दोस्तों के कहने पर ध्यानचंद हॉकी खलने के लिए मैदान में उतरे। इसके बाद ध्यानचंद लगातार हॉकी की प्रैक्टिस करने लगे और धीरे-धीरे हॉकी के प्रति उनकी रुचि बढ़ने लगी। बता दें कि इस बात का जिक्र मेजर ध्यानचंद के ऊपर लिखी गई किताब द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ मेजर ध्यान चंद में भी किया गया है।

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