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  • Friday, 19 April 2024
साल 2022 में अमृत महोत्सव की भावना लोगों के बीच सबसे ऊपर रही

साल 2022 में अमृत महोत्सव की भावना लोगों के बीच सबसे ऊपर रही

इंडिया गेट के पास नेताजी की प्रतिमा का अनावरण भी देखने को मिला


नई दिल्ली । साल 2022 का श‎निवार को आखिरी दिन है लेकिन इस साल कई बड़ी घटनाएं देखने को मिली। जहां एक ओर आजादी का अमृत महोत्सव की भावना इस साल जनता के बीच सबसे ऊपर रही। वहीं दूसरी ओर 2022 में इंडिया गेट के पास नेताजी की प्रतिमा का अनावरण भी देखने को मिला। इसके अलावा देश ने इस साल में अरबिंदो की 150वीं जयंती भी मनाई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। अमृत महोत्सव ने पूरे साल संस्कृति मंत्रालय को व्यस्त रखा। वैसे तो यह महोत्सव आधिकारिक तौर पर 12 मार्च 2021 से शुरू हुआ था लेकिन यह 15 अगस्त 2022 को चरम पर पहुंच गया। इस मौके पर हर घर तिरंगा के तहत घरों कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों को झंडे के रंग में रंग दिया गया। कहा जा रहा है कि यह जश्न 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा। अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है जिसे आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश के लोगों संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए मनाया गया है।

इस महोत्सव के पांच स्तंभ हैं जिसमें स्वतंत्रता संग्राम 75 पर विचार 75 पर उपलब्धियां 75 पर कार्रवाई और 75 पर संकल्प शामिल हैं। अमृत महोत्सव के तहत देश में 1.36 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं जिनमें हर घर तिरंगा भी शामिल है। मोदी ने स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मनाने के लिए 22 जुलाई को हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया। इसके तहत 23 करोड़ घरों में झंडा फहराया गया। वहीं इस मौके पर छह करोड़ सेल्फी विद तिरंगा को भी डिजिटल रूप से रजिस्टर्ड किया गया। 15 अगस्त से लेकर 26 जनवरी तक अमृत महोत्सव का बोलबाला रहा।


इसी साल इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा की स्थापना भी देखी गई। बोस की प्रतिमा को जेट ब्लैक ग्रेनाइट से उकेरा गया था और 8 सितंबर को पीएम मोदी द्वारा अनावरण किया गया। इसके अलावा 2022 में 14 अप्रैल को मोदी ने ऐतिहासिक तीन मूर्ति भवन में स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उदघाटन भी किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस साल अमृत महोत्सव को देखते हुए अगस्त में तिरंगा थीम में 150 स्मारकों को हाईलाइट किया। स्वतंत्रता दिवस पर लखनऊ के ऐतिहासिक रेजीडेंसी से 1857 के सिपाही विद्रोह के दौरान प्रमुख घटनाओं का स्थान पोरबंदर में महात्मा गांधी के जन्मस्थान जैसे 150 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

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