सारी दुनिया में राज करने की दिशा में बढ़ा माइक्रोसॉफ्ट
गूगल और एंड्रॉयड जैसे सर्च इंजन डायनासोर की तरह लुप्त होंगे
नई दिल्ली । माइक्रोसॉफ्ट एआई प्लेटफॉर्म तकनीकी पर तेजी के साथ काम कर रहा है। एआई सिस्टम को लेकर माइक्रोसॉफ्ट बहुत उत्साहित है। माइक्रोसॉफ्ट एआई तकनीकी से कुछ ही सालों में पूरी दुनिया का डिजिटल और ऑनलाइन चेहरा बदल जाएगा।
गूगल जैसे सर्च इंजन डायनासोर की तरह विलुप्त होने की कगार में पहुंच जाएंगे। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ओपन एआई परियोजना को शुरू करने के लिए 2019 में 8000 करोड़ का निवेश किया था। उसके बाद 16000 करोड रुपए का निवेश किया था। जल्द ही माइक्रोसॉफ्ट ओपन एआई परियोजना में 80000 करोड़ का निवेश करने जा रही है।
माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम से दुनिया के डिजिटल कारोबार पर माइक्रो सॉफ्ट का एक बार फिर से दुनिया भर में एकाधिकार होगा। दुनिया में सबसे बड़ी कमाई करने वाला प्लेटफार्म माइक्रोसॉफ्ट बनेगा।
माइक्रोसॉफ्ट ने सबसे पहले कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिवर्सल तैयार कर सारी दुनिया के देशों में अपनी तकनीकी से सारे पेशेवर डेवलपर को जोड़कर माइक्रोसॉफ्ट को सबसे बड़ी कमाई वाला संस्थान बनाकर सारी दुनिया में एकाधिकार बनाया था। अब उस रिकॉर्ड को भी तोड़ने की तैयारी माइक्रोसॉफ्ट स्वयं कर रहा है।
चैटजीपीटी सॉफ्टवेयर (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से मेल से लेकर रिसर्च पेपर तक लिखे जा सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर सवालों के जवाब भी देता है। कविताएं भी लिख सकता है। किसी भी विषय पर सटीकता के साथ जवाब दे और लिख सकता है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए सर्च इंजन की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी। माइक्रोसॉफ्ट को इसका एकाधिकार होगा। एक तरह से यह जानकारियों के साथ डिजिटल तकनीकी के माध्यम से मानव मस्तिष्क को नियंत्रित करने की बहुत बड़ी क्षमता प्राप्त कर लेगा।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला का कहना है कि अगले 3 साल में दुनिया भर में मौजूद डेटा का 10 फ़ीसदी हिस्सा एआई जेनरेटेड होगा। यह तकनीकी का सबसे बड़ा स्वर्ण युग होगा। सत्य नडेला को विश्वास है कि नया एआई सिस्टम 60000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई अगले 3 सालों में करेगा।
Sunil Singh
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