रुस से भारत की तेल आपूर्ति में भारी कमी, क्या ट्रंप की धमकियों का हुआा असर?
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार भारत को धमका चुके हैं कि वो रुस से तेल लेना बंद कर दें। इसी बीच खबर आई कि भारत को रुस से तेल की आपूर्ति में भारी गिरावट आई है। अमेरिका द्वारा 22 अक्टूबर को रूस की तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद ये कमी आई है। वैश्विक कमोडिटी डेटा और एनालिटिक्स प्रदाता केपलर के अस्थायी टैंकर आंकड़ों के अनुसार, 27 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में रूस से भारत को कच्चे तेल के निर्यात का औसत 11.9 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो इससे पहले के दो सप्ताहों के 19.5 लाख बैरल प्रतिदिन से काफी कम है।
इधर आशंका जताई जा रही है कि दिसंबर और जनवरी में रूसी तेल आयात में स्पष्ट गिरावट देखी जाएगी, क्योंकि रिफाइनरियां नए आपूर्ति स्रोत तलाशेंगी। हालांकि पूरी तरह से आयात बंद होने की संभावना नहीं है, क्योंकि रूस से तेल भारतीय बाजार के लिए अब भी किफायती है। जब तक भारत सरकार औपचारिक रूप से आयात पर रोक नहीं लगाती, तब तक रूसी तेल सीमित मात्रा में मध्यस्थ चैनलों से भारत आता रहेगा। रूस के प्रतिबंधित आपूर्तिकर्ताओं से आयात कम होने की भरपाई के लिए भारतीय रिफाइनरियां अब पश्चिम एशिया, पश्चिम अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और उत्तरी अमेरिका से अधिक तेल खरीदने की तैयारी कर रही हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है और अपनी आवश्यकताओं का लगभग 88% हिस्सा आयात करता है।
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