डीआरडीओ ने एनएजी एमके-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का किया सफल परीक्षण
भारत की बख्तरबंद युद्ध प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में अहम प्रगति
देश और दुनिया में हालात लगातार बदल रहे हैं। इसे देखते हुए ग्लो बल लेवल पर कटिंग एज वेपन सिस्टरम की डिमांड और घातक मिसाइल से लेकर मॉडर्न फाइटर जेट की मांग बढ़ गई है। घरेलू स्तनर पर प्रोडक्श न के साथ ही इंपोर्ट भी किया जा रहा है। टेक्नोरलॉजी और मॉडर्न वेपन सिस्टरम डेवलप करने की इस होड़ से भारत भी अछूता नहीं है। मिसाइल से लेकर फाइटर जेट, टैंक, एयर डिफेंस सिस्टीम, लड़ाकू विमान आदि से जुड़े प्रोजेक्टै को रफतार दी जा रही है, ताकि राष्ट्री य जरूरतों को देखते हुए उसे समय पर पूरा किया जा सके। इस दिशा में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने सफलता हासिल की है।
डीआरडीओ ने एनएजी एमके-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इससे इंडियन आर्मी की ताकत में और वृद्धि होने की संभावना है। खासकर बॉर्डर इलाके में दुश्मून के मूवमेंट पर प्रभावी तरीके से लगाम लगाने में सफलता मिलेगी। एनएजी एमके-2 गाइडेड मिसाइल ब्रह्मोस, अग्नि-5 और अमेरिकी टॉमहॉक से काफी अलग है।
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