
नीतीश बोले- मर जाना कबूल, BJP में नहीं जाएंगे
BJP ने पूछा- पहले भी तो कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे...फिर गठबंधन क्यों किया
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी में जाने के सवाल पर कहा है कि वो मर जाएंगे, लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। CM ने कहा कि मेरे साथ सरकार में रहते हुए लालू यादव और तेजस्वी को बीजेपी ने फंसाने का काम किया है।
अब हमारे साथ तेजस्वी हैं, इन्हें दूर करने के लिए फिर से बीजेपी फंसाने का काम कर रही है। बीजेपी अब पुरानी बीजेपी नहीं रही। जो बीजेपी के नेता है, वह एक नई बीजेपी बन चुकी है। पुराने नेताओं से पूछेंगे तो वो भी यही कहेंगे।
पहले भी तो कहा था फिर साथ क्यों आए-BJP
बीजेपी नेता और बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि आप तो कहते थे मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे फिर भी आपने भाजपा के साथ गठबंधन किया। नीतीश कुमार जी भाजपा ने पिता के समान आपको कंधे पर बैठाकर मुख्यमंत्री बनाया। अभी आप जिसके कंधे पर हैं उसको भी भाजपा ने ही बनाया। 2024 मैं आपको कितनी सीट मिलेगी यह सबको पता है। आपको एक भी सीट नहीं मिलेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल फागू चौहान ने पटना के गांधी घाट पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इसी दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बापू तो सबको बचा रहे थे, सबको लेकर चलते थे, इसलिए तो उनकी हत्या हुई। ये किसी को नहीं भूलना है, ये लोग जितना भी भुलवाना चाहें, झगड़ा करवाना चाहें भूलना नहीं है। हमें तो मर जाना कबूल है, उनके साथ जाना कबूल नहीं है।
नीतीश ने ये भी कहा कि हमें अल्पसंख्यक का भी वोट मिला, अब भाजपा सब भूल गई कि वोट कैसे मिला था। इस बार हमें ही हराकर हमारा ही वोट लेकर जीत गए और अब बोल रहे हैं। हम तो अटल-आडवाणी के पक्ष में थे, अब ये लोग जो आ गए हैं। सब कुछ बदल रहे हैं। नाम बदल रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि 2017 में बीजेपी आगे पीछे लग गई थी। तब हम उनके साथ चले गए। बाद में लग गया कि वे बिल्कुल गलत है। 2020 के चुनाव में जो हमारे साथ किया। हम बनना नहीं चाहते थे। जबरदस्ती मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया, मैं बनना नही चाहता था।
बाद में देखा कि लोग इधर उधर करने लगे हैं। मेरी पार्टी के सब लोग बोलते थे कि उन्हीं लोगों ने हमें चुनाव हरवाया था। बीजेपी के लोग चुनाव जीते वो तो हम लोग के वोट से जीते थे। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि चुनाव होगा तब न देखियेगा। चिंता मत कीजिए। बिहार को ठीक से जान लीजिए। जितना हम लोगों ने इज्जत दी है। भूल गये हैं।
जब हमारे साथ एलायंस था तो 2005 और 2010 के चुनाव में कौन कितना सीट जीता था। उस समय भी गडबड़ी करता था, झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना जैसी पार्टी को बिहार में लड़वाता था। उनका सिंबल तीर धनुष था जिससे हमारे वोटर भ्रमित हो जाते थे। उससे हमारे 5-7 लोग चुनाव हार जाते थे। जब एलायंस नहीं था तो 2015 में कितना सीट आई थी।
वहीं सुशील मोदी पर तंज कसते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि जिसको कुछ नहीं बनाया है वही आजकल हम पर ज्यादा ही बोल रहे हैं और अभी तक उसको कुछ नहीं बनाया है। दरअसल पत्रकारों ने पूछा था कि अमित शाह ने जेडीयू के साथ कभी नहीं जाने की बात कही है, इसी के जवाब में नीतीश कुमार ने ये बातें कही।
बता दें रविवार को दरभंगा में हुए बीजेपी प्रदेश कार्यकारणी की बैठक में प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा था कि मैंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भारत के गृह मंत्री अमित शाह से बात की है और उन्होंने स्पष्टता से कहा है की हम किसी भी सूरत में जदयू से नीतीश कुमार से गठबंधन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ एक राजनीतिक स्थिति है की वो किसी के सगे नहीं हैं। ' ऐसा कोई सगा नहीं नीतीश ने जिसको ठगा नहीं'। सर्वप्रथम देवीलाल,लालू यादव, रामविलास पासवान, जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव के बाद अब भाजपा उनकी शिकार बनी है।
बिहार भाजपा प्रभारी ने कहा था कि नीतीश कुमार आर्थिक - सामाजिक विकास के विरोधी हैं। केंद्र सरकार द्वारा लगातार राशि उपलब्ध कराए जाने के बाद भी बिहार का विकास रुका हुआ है। महागठबंधन के सत्ता में आने के बाद बिहार में हमारे महापुरुषों एवं महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों पर आघात हो रहे हैं।
सामाजिक वैमनस्व को बढ़ाया जा रहा है एवं विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है। हम यह कह सकते हैं की बिहार में नीतिगत मुद्दों पर बहस बंद हो गई है और जन विकास के मसलों पर महागठबंधन सरकार का कोई ध्यान नहीं है।

News Editor
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