सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में 500 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच में फैसला सुरक्षित रख लिया है। नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले के जजों ने यह राय जाहिर करते हुए कई अहम टिपप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा हम चुपचाप नहीं बैठने वाले हैं और इस लागू करने के तरीके को देखने वाले हैं क्योंकि यह एक आर्थिक निर्णय है जस्टिस एस अब्दुल नजीर बीआर गवई एएस बोपन्ना वी रामासुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना की संविधान पीठ ने 58 याचिकाओं के एक बैच में दलीलें सुनीं। पीठ ने पक्षकारों को 10 दिसंबर तक लिखित दलील देने की अनुमति दी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को भी कहा। भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाएगा। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि वह सिर्फ इसलिए हाथ जोड़कर नहीं बैठेगी क्योंकि यह एक आर्थिक नीति का फैसला है। वह उस तरीके की जांच कर सकती है जिसमें फैसला लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने 2016 में लिए अपने नोटबंदी के फैसले का बचाव किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 2016 की नोटबंदी एक सुविचारित फैसला था और ये आतंक के वित्तपोषण काले धन और कर चोरी के खतरे से निपटने के लिए एक बड़ी रणनीति का हिस्सा था।
Sunil Singh
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