अरावली को खत्म करने से दिल्ली पर गहराएगा प्रदूषण का संकट
अरावली पहाड़ियों को लेकर देश में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है... अरावली पर्वतमाला को लेकर सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2025 के फैसले के बाद राजस्थान में पर्यावरण प्रेमियों, राजनीतिक दलों और स्थानीय निवासियों का विरोध तेज हो गया है... कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की सिफारिशों को मानते हुए अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा तय की है, जिसमें केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियां ही संरक्षित मानी जाएंगी... इस फैसले से राजस्थान में अरावली के करीब 90 प्रतिशत हिस्से संरक्षण से बाहर हो सकते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर खनन की आशंका बढ़ गई है... और आपको बता दें कि इससे दिल्ली को भी भारी खतरा है...
( आम आदमी पार्टी के अनुराग ढांडा ने अरावली पर्वत माला को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव पर हमला बोला... उन्होंने कहा कि पहाड़ियों को हटाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ेगा... दरअसल, अरावली दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए प्राकृतिक कवच का काम करती है... पहाड़ियों को हटाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ेगा... अनुराग ढांडा ने अरावली पर्वत को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के बयान पर कहा कि अरावली रेंज को लेकर आज के समय में बहुत सारी चिंताएं हैं, जिसे हम सोशल मीडिया पर भी देख रहे हैं और अलग-अलग गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) भी इस पर बात कर रहे हैं... आपको यह भी बता दें कि )
अरावली दिल्ली और आसपास के इलाकों को रेगिस्तान बनने से बचाती है, लेकिन खनन माफिया और कुछ स्वार्थी ताकतें आर्थिक लाभ के लिए इन पहाड़ियों को खोखला कर रही हैं... पहाड़ काटे जा रहे हैं, हरियाली नष्ट हो रही है और वन्यजीवों का आवास खत्म होता जा रहा है... अगर अब भी अरावली को नहीं बचाया गया, तो भविष्य में हमें भारी नुकसान होगा... अब समय आ गया है कि समाज, प्रशासन और युवा मिलकर अरावली को बचाने के लिए आवाज उठाएं। अरावली का संरक्षण केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा है।
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