पलवल में हादसों का कहर: 1 महीने में 26 दुर्घटनाएं, मुंडकट्टी पॉइंट पर हुईं 9 मौतें
नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क हादसों को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत है। घायलों की जान बचाने के लिए मंत्रालय ने गोल्डन ऑवर जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं। हालांकि, कई बार हादसों की वजह लोग स्वयं बनते हैं। ऐसा ही एक मामला एनसीआर के पलवल जिले से सामने आया है, जहां एक महीने में 26 सड़क हादसे दर्ज किए गए। खास बात यह है कि इनमें से 22 हादसे एक ही सड़क खंड पर हुए, और जांच में इसके पीछे के कारण भी उजागर हुए हैं।
पलवल में सितंबर 2025 में कुल 26 सड़क हादसे हुए, जिनमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 22 हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के गदपुर से होडल खंड में हुए। विशेष रूप से मुंडकट्टी पॉइंट पर एक महीने में 9 लोगों की मौत हुई। इन हादसों की जांच के लिए सड़क सुरक्षा से जुड़े संगठनों ने पड़ताल की, जिससे कई कारण सामने आए। जांच में पता चला कि हादसों के पीछे सड़क रखरखाव में कमी, अवैध कट, वाहनों का गलत दिशा में चलना और कुछ स्थानों पर सड़क का दोषपूर्ण डिजाइन प्रमुख कारण हैं।
इसके अलावा, सड़क किनारे स्थित पेट्रोल पंप और ढाबे भी इन समस्याओं को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने बेहतर सड़क निर्माण, सड़क संकेतों (साइनेज), बैरियर और लाइटिंग की व्यवस्था करने के सुझाव दिए हैं।
सड़क निर्माण एजेंसियां अक्सर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेती हैं।
यदि एनएचएआई का अनुबंध धारक (कंसेशनेयर) ध्यान नहीं दे रहा, तो स्वयंसेवकों से अनुरोध किया गया है कि वे सड़क सुरक्षा ऑडिट करें। संगठनों ने मांग की है कि हादसों को रोकने के लिए तत्काल सड़क मरम्मत और डिजाइन में सुधार किया जाए। स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई से अपील है कि वे जल्द कदम उठाकर हादसों में कमी लाएं, ताकि मंत्रालय के सड़क सुरक्षा प्रयासों को बल मिल सके।
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