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  • Tuesday, 19 August 2025
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर भड़के ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर भड़के ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन

नई दिल्ली। पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश सांसद ने भी प्रतिक्रिया दी है। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा करार दिया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में तथ्यों को पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।

ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने आगे कहा कि इस वीडियो को कभी भी जारी नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 के दंगों के संबंध में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दावों की जांच की और पाया कि उनके समर्थन में एक भी सबूत नहीं था। ब्लैकमैन ने भारत में BBC दफ्तरों पर हुए सर्वे को लेकर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है और कुछ समय से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में आयकर अधिकारियों और बीबीसी के बीच चर्चा हुई है और ब्रॉडकास्टर को संबंधित नियमों और विनियमों का पालन करना होगा। ब्लैकमैन ने बीबीसी पर आरोप लगाया और कहा कि यह बेहद खेदजनक है, क्योंकि ऐसा लगता है जैसे बीबीसी का ब्रिटेन-भारत संबंधों को बाधित करने का कोई एजेंडा था। मुझे लगता है कि यह बहुत शर्म की बात है।

बता दें कि ब्रिटिश सांसद ब्लैकमैन सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव के सदस्य हैं और हैरो ईस्ट के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने दंगों के दौरान शांति के लिए अपील करने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार भारत को एक मजबूत दोस्त, एक मजबूत सहयोगी के रूप में मानती है और दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी प्रक्रिया को बाधित करता है वह बेहद अफसोसजनक है।

ब्रिटिश सांसद ने कहा कि भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में एक उल्लेखनीय काम किया है और यह दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ब्लैकमैन ने कहा कि पीएम मोदी पर बीबीसी का वीडियो उपहास से भरा था और इसे एक बाहरी संगठन द्वारा निर्मित किया गया था और ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर द्वारा इसकी देखरेख की गई थी। उन्होंने कहा मैंने डॉक्यूमेंट्री के दोनों हिस्सों को देखा है, इसे देखकर मेरा खून खौल उठा। मुझे लगता है कि बीबीसी को ऐसे कार्यों में लिप्त नहीं होना चाहिए।

 

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