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  • Tuesday, 19 August 2025
24 जनवरी को हिंडेनबर्ग ने पेश की थी अदानी ग्रुप की रिपोर्ट

24 जनवरी को हिंडेनबर्ग ने पेश की थी अदानी ग्रुप की रिपोर्ट

एक माह में गौतम अदानी अर्श से पहुंचे फर्श पर

नई दिल्ली । भारतीय उद्योगपति गौतम अदानी के लिए 24 जनवरी जीवनभर के लिए यादगार रहेगी, दरअसल, ठीक एक माह पहले इसी तारीख को अदानी ग्रुप के बुरे दिनों की शुरुआत तब हो गई थी, जब अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग ने ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में शेयरों की हेरा-फेरी से लेकर ग्रुप पर कर्ज के बारे में कई बड़े खुलासे किए गए थे। रिपोर्ट की कहर अब तक जारी है। अदानी की कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए और अरबपतियों की लिस्ट में गौतम अदानी टॉप-4 से लुढ़ककर 29वें पायदान पर पहुंच गए।

बीते साल दुनिया के तमाम अमीरों की तुलना में अदानी एक मात्र ऐसे अरबपति थे, जिन्होंने ताबड़तोड़ कमाई की थी। उन्होंने एलन मस्क, जेफ बेजोस से लेकर मुकेश अंबानी तक सभी को पीछे छोड़ते हुए सालभर में ही अपनी संपत्ति में 40 अरब डॉलर जोड़े थे। यही नहीं, वे टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे, हालांकि एक दिन बाद ही वे चौथे पायदान पर पहुंच गए। उन्होंने नए साल की शुरुआत में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाए रखा था, लेकिन साल 2023 उनके लिए अब तक का सबसे बुरा साल साबित हो रहा है।

गौतम अदानी की नेटवर्थ सितंबर 2022 में तेजी से बढ़ते हुए 150 अरब डॉलर पर जा पहुंची थी, जो साल के अंत तक इसी दायरे के आसपास रही थी। दिसंबर 2022 में उनकी कुल संपत्ति 138.1 अरब डॉलर दर्ज की गई थी। हालांकि, साल की शुरुआत में दूसरे अरबपतियों के साथ उन्हें भी मामूली उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। 23 जनवरी तक गौतम अदानी की नेटवर्थ करीब 121 अरब डॉलर पर थी, लेकिन इसके अगले ही दिन ऐसा बम फूटा कि उसके विस्फोट की आंच में अब तक पूरा अदानी साम्राज्य झुलस रहा है। इस रिपोर्ट के असर के चलते अदानी को अपना 20 हजार करोड़ रुपये का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानी ईपीओ तक वापस लेना पड़ा।

दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट से ग्रेजुएट नाथन एंडरसन की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडेनबर्ग ने 24 जनवरी को अदानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी। फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म की इस रिपोर्ट में अदानी ग्रुप को लेकर 88 सवाल उठाए गए थे। इसमें दावा किया गया कि अदानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 7 प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं यानी साफ शब्दों में कहें तो इसमें आरोप लगाया गया कि अदानी ग्रुप के शेयरों के भाव असली कीमत से 85 फीसदी अधिक हैं।

 

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