
एल्युमिनियम उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़े: एफआईसीसीआई
लगभग 12.5 फीसदी तक आयात शुल्क बढ़ाने की मांग
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2023 में घरेलू निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एल्युमिनियम और उसके उत्पादों पर कम से कम 12.5 फीसदी तक आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की है। एल्युमिनियम और उसके उत्पाद पर वर्तमान आयात शुल्क 10 फीसदी है और शुल्क बढ़ाने से देश में प्रोडक्ट की डंपिंग पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और घरेलू विनिर्माण और रीसाइक्लिंग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
फिक्की ने एक बयान में कहा कि हाल के वर्षों में विशेष रूप से चीन से सब पर एल्युमिनियम आयात में वृद्धि देखी गई है जो डाउनस्ट्रीम एल्युमिनियम आयात का 85 फीसदी से अधिक है। इसके अलावा भारत अमेरिका ब्रिटेन मलेशिया और मध्य पूर्व से भी एल्युमिनियम का आयात दिख रहा है। इनमें से कई देश अपने घरेलू उद्योगों को रियायतें और लाभ कम ब्याज ऋण सस्ती बिजली शुल्क कच्चे माल की उपलब्धता में वृद्धि और कर लाभ के साथ समर्थन करते हैं।
भारत में एल्युमिनियम उद्योग वैश्विक मांग में कमी बढ़ते उत्पादन और रसद लागत आयात की बाढ़ और बाजार हिस्सेदारी में गिरावट से जूझ रहा है। वर्तमान में भारत की एल्युमिनियम की 60 फीसदी से अधिक मांग आयात के माध्यम से पूरी की जा रही है। एफआईसीसीआई ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और आयात की डंपिंग से निपटने के लिए कई प्रमुख सामग्रियों पर उल्टे शुल्क ढांचे को 7.5 से 2.5 फीसदी तक युक्तिसंगत बनाने की भी मांग की है। उद्योग निकाय ने एल्यूमीनियम जैसे अत्यधिक बिजली-गहन उद्योगों का समर्थन करने के लिए कोयले पर उपकर को समाप्त करने की भी सिफारिश की है।

News Editor
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