
6 साल की बच्चे से रेप केस में दोषी मौलवी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली राहत
नई दिल्ली । छह साल की बच्ची के साथ रेप मामले में सजायाफ्ता मौलवी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते मौलवी को माफी देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मौलवी एक भरोसे का नाम है उसने भरोसे तोड़ा है और वो किसी भी नजरिये से माफी का हकदार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मौलवी किसी भी तरह माफी का हकदार नहीं है क्योंकि उसने यह काम एक भरोसे के पद पर रहते हुए किया है।
अदालत ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि आरोपी (मौलवी) ने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया जो घटना के समय छह साल साल की थी। इस मामले पर दोषी मौलवी की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की गयी थी। हाई कोर्ट ने दोषी व्यक्ति की अपील खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत के फैसले कुछ गलत नहीं है और मौलवी पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 (एम) के संदर्भ में यौन उत्पीड़न करने का दोषी है।
दोषी मौली को आईपीसी की धारा 354 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अपील करने वाला शख्स एक मौलवी/हाफिज है जो पीड़िता को कुरान और कायदा पढ़ाता था। उच्च मौलवी/हाफिज पर काफी विश्वास किया जाता है जो दूसरों को कुरान की शिक्षा देता है और उसे (मौलवी को) सम्मान की नजरों से देखा जाता है।
अदालत ने कहा वह एक अत्यधिक विश्वास वाले एक पद पर था जिसका (विश्वास का) उसने छह साल की एक मासूम बच्ची का यौन उत्पीड़न कर हनन किया। इसलिए वह इस सिलसिले में किसी क्षमा का हकदार नहीं है। दरअसल दोषी ने निचली अदालत के जनवरी 2021 के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसे छह साल जेल की सजा सुनाई गई थी। यह घटना दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सितंबर 2016 में हुई थी। पीड़िता मौलवी के घर ‘कायदा’ पढ़ने के लिए जाती थी।

News Editor
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