
अडानी समूह पर टिप्पणी करने से मोदी सरकार का इंकार
एफपीओ वापस लेने पर कांग्रेस ने उड़ाया मजाक
नई दिल्ली । हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण अडाणी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई जिससे इस कारोबारी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में पिछड़ गए हैं।
इस बीच अडाणी समूह ने अपने एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद उस नैतिकता के आधार पर वापस लिया है। दूसरी ओर अडाणी समूह को लेकर हो रहे हंगामे पर टिप्पणी करने से मोदी सरकार ने इंकार कर दिया है। उधर मीडिया में खबरें हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को देखकर सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वह अडाणी समूह को दिए गए कर्ज के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
जहां तक एफपीओ वापस लेने की बात है तब उसने सभी को चौंकाया क्योंकि शुरुआती निराशाजनक प्रतिक्रिया के बाद अंतिम दिन अडाणी समूह के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिल गया था। इस बारे में खुद गौतम अडाणी ने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया है।
उधर अडाणी समूह की ओर से एफपीओ वापस लेने के फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि अडाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात करना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।
दूसरी ओर केंद्र सरकार ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा हम सरकार में हैं और किसी निजी कंपनी से संबंधित मुद्दों पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। बता दें कि इससे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने भी इस संबंध में बयान देने से इनकार कर दिया था।

News Editor
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