
अब शेयर बाजार में 27 जनवरी से लागू होगा टी+1 सिस्टम
शेयर बेचने के 24 घंटे के भीतर खाते में आ जाएगा पैसा
नई दिल्ली। भारतीय इक्विटी मार्केट 27 जनवरी को पूरी तरह से एक छोटे से ट्रांसफर साइकल में शिफ्ट हो जाएगा जिसे टी+1 सेटलमेंट कहा जाता है। इस नियम के लागू होने के बाद सेलर और बायर्स के खाते में कारोबार के समाप्त होने के 24 घंटे के भीतर पैसा प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी। अगर आप अपने पोर्टफोलियो में शामिल शेयर को बेचते हैं तो 24 घंटे के भीतर इसका पैसा आपके खाते में क्रेडिट हो जाएगा।
सभी लार्ज-कैप और ब्लू-चिप कंपनियां 27 जनवरी को टी+1 सिस्टम पर स्विच कर जाएंगी। अभी मार्केट में टी+2 सिस्टम लागू है। इसके चलते खाते में पैसा पहुंचने में 48 घंटे का समय लगता है। शेयर बाजार में टी+2 का नियम-2003 से लागू है। 27 जनवरी 2023 से अब इसमें बदलाव होने जा रहा है। टी+1 सेटलमेंट सिस्टम निवेशकों को फंड और शेयरों को तेजी से रोल करके अधिक ट्रेडिंग करने के लिए ऑप्शन देगा। सेटलमेंट का साइकिल तभी पूरा होता है जब किसी खरीदार को शेयर मिलते और बायर्स को पैसे।
भारत में सेटलमेंट प्रोसेस अब तक टी+2 के रोलिंग सेटलमेंट के नियम पर बेस्ड है। टी+1 के निमय लागू होने से मार्केट में लिक्विडिटी में बढ़ोतरी होगी। अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो जाहिर है आपके पास डीमैट अकाउंट होगा। मौजूदा समय में अगर आप कोई शेयर खरीदते हैं तो आपके अकाउंट में वो दो दिन के बाद क्रेडिट होता है क्योंकि फिलहाल टी+2 नियम लागू है।
टी+1 व्यवस्था के लागू होने के बाद एक ही दिन में शेयर आपके खाते में क्रेडिट हो जाएंगे। वहीं अगर आप शेयर बेचते हैं तो उसके पैसे भी आपके अकाउंट में 24 घंटे में जमा हो जाएंगे। इस नियम के लागू होने के बाद मार्केट में नकदी अधिक मात्रा में उपलब्ध हो सकेगी। मार्केट के जानकारों का मानना है कि अधिक नकदी उपलब्ध होने से निवेशक ज्यादा मात्रा में खरीद-बिक्री कर पाएंगे इससे बाजार का वॉल्यूम बढ़ेगा।
टी+1 सिस्टम से मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ने की आशंका
कुछ मार्केट्स के एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि टी+1 सिस्टम के लागू होने से मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ने की आशंका है क्योंकि सेबी के इस कदम से कॉरपोरेट्स और एफआईआईएस डीआईआईएस जैसे अधिक और बड़े निवेशकों को अधिक लिक्विडिटी मिल सकती है।
इससे मार्जिन की जरूरतें कम हो सकती हैं जिसकी वजह से शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। हालांकि उनका कहना है कि छोटे निवेशकों पर इसका कुछ खास असर नहीं होने वाला है। भारतीय स्टॉक मार्केट में एक अप्रैल 2003 को टी+2 से टी+3 सेटलमेंट सिस्टम को बदला गया था। इस बदलाव के दो दशक के बाद अब T+1 सिस्टम को लागू किया जाने वाला है।

News Editor
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