बचे हुए 400 दिन और भाजपा कार्यकर्ता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के समापन भाषण में 400 दिन में चुनाव की तैयारी करने का उल्लेख किया। उसके बाद कार्यकर्ताओं के बीच में यह बात चल पड़ी है कि वह किस मुंह से जनता के पास जाएं। क्या भारत भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है। स्वदेशी जागरण मंच और स्वदेशी अर्थव्यवस्था का क्या हुआ । करोड़ों युवाओं को क्या रोजगार और नौकरी मिल गई। क्या गरीबों की हालत में कोई सुधार हुआ महंगाई कम हुई ऐसे जवाब जनता पूंछती है।
राम मंदिर जरूर बन रहा है। धारा 370 खत्म हो गई है। आतंकवाद कम होने के स्थान पर बढ़ रहा है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटना पड़ रहा है। किसानों को रुपये 6000 की आर्थिक सहायता देनी पड़ रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं । केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने जा रहे हैं ।जनता नाराज है। मंत्री सुन नहीं रहे हैं अधिकारियों की सरकार है। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता किस मुंह से जनता के बीच जाएं यह कार्यकर्ताओं के बीच चिंता बन गई।
भाजपा बनी सपने दिखाने वाली पार्टी
भारतीय जनता पार्टी की छवि मतदाताओं के बीच सपने दिखाने वाली पार्टी के रूप में बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता के लगभग 3100 दिन पूरे होने जा रहे हैं। भाजपा की सत्ता आएगी तो काला धन खत्म होगा। लोगों को 15 लाख मिलेंगे। पेट्रोल 40 रूपये लीटर हो जाएगा।
महंगाई कम होगी दो करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। गैस सिलेंडर की कीमत कम होगी। नोटबंदी के बाद 50 दिन का समय मांगा था। 60 महीने का समय 2014 में मांगा था। देश में आतंकवाद खत्म होगा। 2022 तक देश के हर नागरिक को पक्का घर मिलेगा। बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।
बड़े-बड़े दावों पर 2014 और 2019 में मतदाताओं ने भाजपा पर भरोसा जताया। 60 महीने की जगह 120 महीने दे दिए। अब हालत बद से बदतर हो गए। गरीब गरीब होते चले गए। आम आदमी कर्ज के बोझ और टैक्स की मार से कराह रहा है। सरकार सुन नहीं रही है।
किसानों का आंदोलन कई महीने चला। आम मतदाता अब यह मान कर चलने लगा है कि यह सपने दिखाने वाली सरकार है। जो सपने दिखाए थे वह पूरा नहीं कर पाए। 10 साल का समय जनता ने दिया। भारी बहुमत दिया सियासत खाने में अब चर्चा है कि यह भाजपा का 2024 का सबसे कठिन चुनाव होगा। जो जनता खुद लड़ने मैदान में उतरेगी।
चाय की चर्चा पर आयोजन की चर्चा
भारतीय जनता पार्टी के नेता आपस में चर्चाएं बहुत करते हैं। जब चाय पर चर्चा हो और वह यादगार ना बने ऐसा कैसे हो सकता है। चाय पर चर्चा के दौरान देसी बेर अमरूद शकरकंद मूंगफली गजक फाफड़ा गोली टाफी और चाट-पापड़ी की प्लेट का आनंद भाजपा नेताओं ने चाय की चर्चा में उठाया। उसके बाद चाय पर चर्चा की व्यवस्था भाजपा नेताओं के जुबान पर छाई रही।
मुख्यमंत्री को समझ नहीं आया कि सीख मिली या चुनौती
कर्नाटक के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से वाहवाही या चुनौती मिली है। वह समझ नहीं पा रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस ने मुफ्त बिजली और 2000 रुपये देने का वादा कर रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने फ्री बीज किसानों को देने का सुझाव प्रधानमंत्री के सामने रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा कि आप प्रशासन पर फोकस रखें। अगर प्रशासन ठीक चल रहा है तो गुजरात में फ्रीबीज का वादा धरा रह गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री को समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सीख थी या चुनौती।
News Editor
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