फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को दिखाना होगा पूरा हिसाब-किताब
नई दिल्ली। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए, सरकार ने एक नया कानून पास किया है। लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना द्वारा मंज़ूर इस कानून का उद्देश्य स्कूलों में फीस निर्धारण में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही तय करना है। नए नियम से स्कूलों पर लगाम लगेगी और यह सुनिश्चित होगा कि फीस में मनमानी बढ़ोतरी न हो। इससे शिक्षा सस्ती होगी और पेरेंट्स को शोषण से बचाया जा सकेगा। पिछले दस सालों में, दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों ने बिना किसी वजह के लगातार फीस बढ़ाई है। इन बढ़ोतरी में अक्सर नॉन-ट्यूशन फीस जैसे डेवलपमेंट फीस, एनुअल फीस और मेंटेनेंस फीस शामिल होती थी, जो बिना किसी सलाह या ट्रांसपेरेंसी के लगाई जाती थी। स्कूल के नियमों का यह उल्लंघन पेरेंट्स के साथ-साथ शिक्षा निदेशालय और सरकार के लिए भी एक मुश्किल मुद्दा रहा है। प्राइवेट स्कूलों द्वारा इस मनमानी फीस बढ़ोतरी ने पेरेंट्स पर बेवजह फाइनेंशियल बोझ डाला है। पेरेंट्स और सामाजिक संगठन लंबे समय से एक सख्त और साफ कानून की मांग कर रहे हैं जो स्कूलों को जवाबदेह बनाए और मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाए।
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