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  • Tuesday, 19 August 2025
साइकिल पर घर-घर जाकर साड़ियों की बिक्री, 10 रुपये लेकर आए मुंबई फिर बन गए अरबपति

साइकिल पर घर-घर जाकर साड़ियों की बिक्री, 10 रुपये लेकर आए मुंबई फिर बन गए अरबपति

गौतम अडानी की जीरो से हीरो बनने तक का सफर

मुंद्रा पोर्ट का ठेका बना टर्निंग प्वाइंट
मुंबई । एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को बड़ा झटका दिया है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की हेराफेरी को उजागर करके सबको हैरत डाल दिया है। जिसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे उन्हें 5 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. साथ ही उनकी साख पर भी बट्टा लगा है. अडानी ने कड़ी मेहनत से कई अरब डॉलर का कारोबार खड़ा किया।

बकौल हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप ने इस कड़ी मेहनत में जमकर हेराफेरी भी की जिसके बाद उनका कारोबार अरबों में पहुंच गया। कॉलेज ड्रॉप आउट अडानी आज भले ही लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं लेकिन उनके साख पर जो बट्टा लगा है वो साख वापस पाने में भी अब उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।आइये एक नजर डालते हैं गौतम अडानी की जीरो से हीरो बनने तक के सफर पर-


साइकिल पर बेचते थे साड़ी
15 साल की उम्र में गौतम अडानी साइकिल पर घर-घर जाकर कपड़े और साड़ियां बेचते थे.अडानी टेक्सटाइल्स की दुकानें अभी भी अहमदाबाद के पुराने शहरों में देखी जा सकती हैं। उस समय इन दुकानों को गौतम अडानी के पिता चला रहे थे। अपने पिता की मदद करने के लिए गौतम अडानी अपनी साइकिल पर घर-घर जाकर साड़ियां बेचते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात मलय महादेविया से हुई। दोनों दोस्त बन गए और आज भी साथ काम करते हैं। चूंकि उन्हें अहमदाबाद में वांछित सफलता नहीं मिल रही थी वे सीधे मुंबई पहुंचे।

16 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस
गौतम अडानी 16 साल की उम्र में अपनी जेब में 10 रुपये लेकर मुंबई आ गए और एक हीरा व्यापारी के यहां नौकरी कर ली। उन्होंने कुछ महीनों तक इस हीरा व्यापारी के यहां काम किया। उसके बाद उनके भाई मनसुखलाल ने गौतम अडानी को वापस अहमदाबाद बुला लिया। अहमदाबाद आने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ एक प्लास्टिक बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया।

वर्ष 1988 में अडानी एंटरप्राइजेज की स्थापना
अपने भाई के साथ उन्होंने फैक्ट्री में काम करते हुए वर्ष 1988 में अडानी एंटरप्राइजेज की स्थापना की। उन्होंने एक निर्यात-आयात कंपनी के माध्यम से व्यापार क्षेत्र में प्रवेश किया। 90 के दशक में उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। 1995 में अडानी को गुजरात में मुंद्रा पोर्ट का ठेका मिला। यही कॉन्ट्रैक्ट अडानी के लिए टर्निंग प्वाइंट बना।

आम जनता से संबंधित व्यवसाय
अडानी ने हमेशा अपने बिजनेस का फोकस आम आदमी से जुड़ी चीजों पर रखा है। उन्होंने ताप विद्युत प्राकृतिक गैस कृषि उत्पादों में निवेश किया। इसके अलावा उनकी कंपनी दैनिक जरूरत की चीजें जैसे फॉर्च्यून ऑयल सोयाबीन रिफाइंड बनाती है। उन्होंने रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखा। आज अडानी समूह देश के सात सबसे बड़े हवाई अड्डों का मालिक है। अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड गुवाहाटी जयपुर मैंगलोर मुंबई अहमदाबाद लखनऊ तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है।

30 से 35 वर्षों में ही सफलता की बुलंदियों तक
उन्होंने मात्र 30 से 35 वर्षों में ही सफलता की बुलंदियों को छू लिया। साइकिल से घर-घर का सफर करने वाले गौतम अडानी के पास आज लग्जरी कार प्राइवेट जेट हैं। उनके पास गुजरात दिल्ली गुड़गांव जैसे शहरों में घर हैं। अडानी फिलहाल अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में रहते हैं।

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