
आगामी लोकसभा चुनाव का शंखनाद
वर्ष 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा का शंखनाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कन्याकुमारी से जम्मू - कश्मीर तक भारत जोड़ो पदयात्रा से ही शुरू हो गया जिसने वर्तमान केन्द्र के सत्तापक्ष को झकझोर दिया। इस पद यात्रा की सफलता को देखते हुये सत्ता पक्ष की ओर से कोरोना का भय दिखाकर बीच मे ही रोकने के प्रयास किये गये पर यात्रा जारी रही।
अब सत्तापक्ष की ओर से भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो से कार्यकारणी की बैठक आयोजित कर आगामी लोकसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया गया । इस अभियान में मोदी फामूले के तहत वर्तमान भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल एक साल बढ़ाते हुये पार्टी को राष्ट्रवादी से राष्ट्रव्यापी बनाने के नये संकल्प के साथ देश के हर कोने कोने में अपना वर्चस्व कायम करने हेतु अभी से कार्यकर्ताओं को सक्रिय हो जाने के संदेश दिये गये।
इस दिशा में आगामी लोकसभा चुनाव में लोकसभा की 543 सीट में से 350 सीट लाने का लक्ष्य सामने रखते हुये हर वर्ग हा कौम हर धर्म के लोगों को भापजा से जोड़े जाने की दिशा में काम करने की प्रक्रिया पर ज्यादा जोर दिया गया। जिन राज्यों में भाजपा कमजोर है उन राज्यों में विशेष रूप से सक्रियता लाने की बात बैठक में की गई। आगामी लोकसभा चुनाव में फिर से सत्ता हासिल करने का भरपूर प्रयास सत्ता पक्ष चुनावी शंखनाद से शुरू कर दिया है।
आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ कर्नाटक तेलांगाना मिजोरम त्रिपुरा नांगालैंड एवं मेघालय नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले है जहां वर्तमान में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस तेलांगाना में टी आर एस मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रांट मध्यप्रदेश एवं कर्नाटक में भाजपा त्रिपुरा नागालैंड एवं मेघालय में भाजपा समर्थित सरकार कार्यरत है।
जम्मू - कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है जहां राज्यपाल नियुक्त है। संभावना है नौ राज्यो के चुनाव के साथ - साथ जम्मू - कश्मीर के भी चुनाव करा लिये जाये। इन राज्यों के चुनाव में केन्द्र की सत्ता पक्ष भाजपा का भरपूर प्रयास है कि हर जगह भाजपा की सरकार बनाई जा सके। इस दिशा में भाजपा हर तरह से अपने आप को तैयार कर रही है। भाजपा की दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में इस ओर ज्यादा जोर दिया गया।
आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ता पर पहुंचने का विपक्ष भी प्रयासरत है पर आपस में अभी तक एक होने का प्रसंग कहीं से सशक्त नजर नहीं आ रहा हे। जब कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार विपक्ष को एक मंच पर लाने के प्रयास में लगे हुये है। कांग्रेस ने भी भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में समान विचारधारा वाली प्रमुख चिपक्षी दलों को शामिल होने का आमंत्रण पत्र भेजा है।
तेलांगाना के मुख्यमंत्री भी विपक्षी एकता के लिये प्रयासरत है। पर जब विपक्षी दलों में ही आपस में एक दूसरे पर राजनीतिक प्रहार होते नजर आ रहे है तो विपक्षी एकता कैसे बन पायेगी कहना मुश्किल है। इस तरह के परिवेश में सत्ता पक्ष ओर ज्यादा मजबूत होता नजर आ रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव के जो भी हालात उभरे शंखनाद हो चुका है।

News Editor
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