टाटा समूह ने दिया भाजपा को 758 करोड़ का चंदा, कांग्रेस को 77 करोड़
नई दिल्ली। देश की राजनीति में कॉरपोरेट चंदों का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। दरअसल, निर्वाचन आयोग के हालिया आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में शामिल टाटा समूह ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भारी-भरकम 758 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इसके मुकाबले कांग्रेस को समूह ने मात्र 77 करोड़ रुपये का राजनीतिक योगदान दिया। दोनों पार्टियों के बीच चंदे में इस बड़े अंतर ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
जानकारी के अनुसार, यह चंदा इलेक्ट्रोरल बॉन्ड और कॉरपोरेट डोनेशन के जरिए दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर एकतरफा चंदा किसी पार्टी की राजनीतिक और चुनावी ताकत पर गहरा असर डाल सकता है। विपक्ष का आरोप है कि कॉरपोरेट जगत का रुझान किसी एक दल की ओर झुकना लोकतांत्रिक संतुलन के लिए चिंता का विषय है। कांग्रेस ने इस खुलासे के बाद केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा की चुनावी मशीनरी को बड़े उद्योगपतियों का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए सरकारी नीतियां भी कॉरपोरेट हितों के अनुरूप बनती हैं। वहीं भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को नियमों के तहत चंदा मिलता है और टाटा जैसे प्रतिष्ठित समूह अपनी पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं।
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