
केरल के मुख्यमंत्री का 101 साल की उम्र में निधन
केरल के मुख्यमंत्री का 101 साल की उम्र में निधन, प्रधानमंत्री समेत कई हस्तियों ने जताया दुख
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा नेता वीएस अच्युतानंदन का 101 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने 101 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। अच्युतानंदन ने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी थी। वे सात बार राज्य विधानसभा के सदस्य चुने गए, और इनमें से तीन बार नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई। उनके निधन की ख़बर मिलने के बाद सीएम पिनराई विजयन और सीपीएम राज्य सचिव एमवी गोविंदन संग वामदलों के अन्य नेता भी अस्पताल उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं उनके निधन पर पीएम नरेद्र मोदी, नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने शोक जताया। केरल सरकार ने अच्युतानंदन के सम्मान में 22 जुलाई से तीन दिवसीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय, वैधानिक निकाय, सार्वजनिक उपक्रम और स्वायत्त संस्थान बंद रहेंगे। इसके साथ ही सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर शोक जताया। उन्होनें पोस्ट करते हुए कहा कि 'केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के निधन से दुःखी हूं। उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष जनसेवा और केरल की प्रगति के लिए समर्पित कर दिए। मुझे उन दिनों की यादें ताजा हो रही हैं, जब हम दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे, तब कई बार मुलाकातें और चर्चा हुईं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।
कौन थे वीएस अच्युतानंदन?
वीएस अच्युतानंदन का जन्म 20 अक्टूबर 1923 को अलपुझा में हुआ था। वह एक गरीब परिवार से आते थे। अच्युतानंदन का जीवन बचपन से ही संघर्ष भरा था। बता दें कि वह एक दर्जी की दुकान से राजनीति की शुरुआत कर मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते हुए मुख्यमंत्री बने थे। वह अपने सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। अच्युतानंदन ने कृषि श्रमिकों और मजदूरों के अधिकारों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कुल 10 चुनाव लड़े जिसमें से 7 में जीत हासिल की। यहां तक की मुख्यमंत्री बनने से पहले वह 5.6 साल जेल में भी रहे। साल 2006 में 82 साल की उम्र में वह केरल के मुख्यमंत्री बने। भारत के इतिहास में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वह सबसे वृद्ध व्यक्ति थे।
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