
जेएनयू के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पहुंचा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विवाद
हैदराबाद । बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन पर विवाद थम नहीं रहा है। राजनीतिक गलियारों से होता हुआ यह विवाद विश्वविद्यालयों में प्रवेश कर गया है। ताजा मामला हैदराबाद यूनिवर्सिटी का है जहां इस डाक्यूमेंट्री को लेकर तनाव बढ़ गया है। यहां स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसएफआई ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन का आयोजन किया था। इसके जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने द कश्मीर फाइल्स दिखाने की तैयारी कर ली।
हालांकि यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा कोलकाता के प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी केरल में डीवाईएफआई की तरफ से स्क्रीनिंग जैसी कई खबरें आ चुकी हैं। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के मामले में बगैर अनुमति डॉक्यूमेंट्री दिखाने का विवाद तेज हो गया है। हाल ही में अधिकारियों ने इसे लेकर रिपोर्ट मांगी थी। इधर प्रदर्शन को लेकर एबीवीपी ने विरोध जताया और दावा किया है कि पुलिस में शिकायत दर्ज की जा चुकी है।
एसएफआई की तैयारियों के जवाब में एबीवीपी ने कैंपस में द कश्मीर फाइल्स चलाने का फैसला किया था। हालांकि यूनिवर्सिटी ने बताया है कि स्क्रीनिंग को लेकर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और हालात शांतिपूर्ण बने रहे। एबीवीपी ने आरोप लगाए हैं कि कैंपस में सुरक्षा अधिकारियों ने उनके पदाधिकारियों के साथ हाथापाई की। मंगलवार रात जेएनयू में हिंसा भड़क गई थी।
उस दौरान छात्रों पर पत्थरबाजी की खबरें सामने आई थी। हालांकि लेफ्ट और एबीवीपी नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन ने आरोप लगाए थे कि एबीवीपी के सदस्यों ने डॉक्यूमेंट्री देखने के दौरान पत्थरबाजी की। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान बत्ती गुल भी किए जाने के आरोप लगाए। खास बात है कि जेएनयू प्रशासन ने स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी थी और कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कोलकाता में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी और जादवपुर यूनिवर्सिटी में विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया गया था। एक ओर जहां प्रेसिडेंसी के छात्रों ने कहा था कि दो सप्ताह में दो कैंपस में पांच बार स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी ने गुरुवार शुक्रवार और अगले मंगलवार को प्रदर्शन की बात कही थी। तमिलनाडु में छात्रों ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे मद्रास कॉलेज में स्क्रीनिंग की तैयारी की थी। हालांकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। इस मामले में कुल 20 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
जामिया मिलिया इस्लामिया में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के चलते 13 छात्रों को हिरासत में लिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को रिपब्लिक डे परेड के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया था। पुडुचेरी में एसएफआई की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद एबीवीपी के सदस्यों ने कथित तौर पर नारेबाजी की। खबर है कि दोनों संगठनों के कुछ सदस्यों के बीच हाथापाई भी हुई। छात्रों ने दावा किया है कि कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही वाईफाई कनेक्शन बंद कर दिया गया था।

News Editor
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