शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता अर्द्धचक्रासन
नई दिल्ली
। बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरे दौर में योग का महत्व और भी बढ़ गया है। शरीर को फिट रखने वाले कई उपयोगी योगासनों में से एक है अर्द्धचक्रासन। इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर की लचीलापन बढ़ता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन खासतौर पर रीढ़ की हड्डी को सक्रिय रखने और सही मुद्रा विकसित करने में सहायक माना जाता है। अर्द्धचक्रासन का शाब्दिक अर्थ है ‘आधा चक्र’। इस आसन के दौरान शरीर पीछे की ओर झुकते हुए आधे पहिये या अर्धचंद्र जैसी आकृति बना लेता है। इसी वजह से इसे अर्द्धचक्रासन कहा जाता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस आसन का अभ्यास शरीर की रीढ़ को लचीला बनाता है और लंबे समय तक बैठकर काम करने से होने वाली जकड़न को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह पेट और जांघों की अतिरिक्त चर्बी घटाने में सहायक होता है और फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बनाता है।
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