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  • Thursday, 16 October 2025
अटलांटिक महासागर से गल्फ ऑफ मैक्सिको तक फैला भूरे रंग का शैवाल -समुद्र के जीवों और इंसानों के लिए बन रहा बड़ा खतरा, हर साल बढ़ रहा आकार

अटलांटिक महासागर से गल्फ ऑफ मैक्सिको तक फैला भूरे रंग का शैवाल -समुद्र के जीवों और इंसानों के लिए बन रहा बड़ा खतरा, हर साल बढ़ रहा आकार

नई दिल्ली,। अटलांटिक महासागर से लेकर गल्फ ऑफ मैक्सिको तक करीब 8,850 किलोमीटर लंबा भूरे रंग का शैवाल फैल चुका है, जिसे द ग्रेट अटलांटिक महासागर बेल्ट (जीएएसबी) नाम दिया गया है। यह कोई साधारण परत नहीं, बल्कि अंतरिक्ष से दिखने वाला करीब 37.5 मिलियन टन वजनी “एल्गी मॉन्स्टर” है। पहली बार इसका बड़ा फैलाव 2011 में दिखा था और तब से इसका आकार हर साल दोगुना हो रहा है। अब यह अमेरिका महाद्वीप की चौड़ाई के बराबर फैल चुका है।

यह समुद्र की सतह पर तैरने वाला शैवाल है, जो पहले केवल सरगासो सी तक सीमित था। यह छोटे जीवों और मछलियों के लिए प्राकृतिक आवास का काम करता था, लेकिन कृषि अपशिष्ट, सीवेज और औद्योगिक बहाव के कारण समुद्र में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ने से इसकी वृद्धि असामान्य रूप से बढ़ रही है। रिसर्च से पता चलता है कि 1980 से 2020 के बीच सरगासुम में नाइट्रोजन कंटेंट 55 फीसदी तक बढ़ा और नाइट्रोजन-फॉस्फोरस अनुपात भी 50 फीसदी ज्यादा हो गया है। अमेजन नदी को इसका सबसे बड़ा स्रोत माना जा रहा है, जो भारी मात्रा में पोषक तत्व समुद्र तक पहुंचाती है। इसके बाद समुद्री धाराएं इस “ब्राउन रिबन” को दूर तक फैला देती हैं।

इस विशाल एल्गी बेल्ट का असर समुद्री जीवन पर खतरनाक साबित हो रहा है। जब यह सतह पर जमा होता है तो सूरज की रोशनी गहरे तक नहीं पहुंच पाती, जिससे कोरल रीफ और समुद्री पौधों की फोटोसिंथेसिस रुक जाती है। इसके सड़ने से हाइड्रोजन सल्फाइड, मीथेन और ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो जलवायु परिवर्तन को और तेज करती हैं। तटों पर पहुंचने पर यह बदबू और जहरीली गैसों के कारण इंसानों के लिए भी स्वास्थ्य जोखिम बन जाता है।
आर्थिक दृष्टि से भी इसका गहरा असर हो रहा है। तटों पर जमने से टूरिज्म ठप हो जाता है, मछली पकड़ने का काम थम जाता है और सफाई पर करोड़ों डॉलर खर्च करने पड़ते हैं। 1991 में फ्लोरिडा के तटों पर इतना ज्यादा सरगासुम जमा हो गया था कि वहां एक न्यूक्लियर पावर प्लांट तक को बंद करना पड़ा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन ने इस शैवाल बेल्ट के लिए आदर्श परिस्थितियां बना दी हैं। बढ़ते समुद्री तापमान और बदलती समुद्री धाराओं के चलते इसका विस्तार और तेज हो रहा है। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह आने वाले सालों में पूरे कैरिबियन और अमेरिकी तटों को अपनी चपेट में ले लेगा।

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