दिल्ली एयरपोर्ट का एटीसी सिस्टम खराब: 100 से ज्यादा फ्लाइट अटकींन टेकऑफ न लैंड, लेट लतीफी के चलते सैकड़ों यात्री फंसे
नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब यहां का एटीसी सिस्टम खराब हो गया। एयरपोर्ट पर न तो कोई फ्लाइट टेकऑफ कर पा रही है और न ही लैंड हो पा रही है। इसके चलते सौ से ज्यादा फ्लाइट लेट हो गई। सैकड़ों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हैं उनकी यात्रा कब होगी किसी को नहीं मालूम। हालांकि विमान कंपनियों ने भरोसा दिलाया है कि वे अपनी फ्लाइट पर नजर रखें और व्यवस्थाओं को सुचारु किया जा रहा है।
देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे, आईजीआईए, पर हर दिन 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार शाम से शुरू हुई तकनीकी समस्याओं ने एटीसी को स्वचालित उड़ान योजनाएं प्राप्त करने में असमर्थ कर दिया। ‘ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम’ (एएमएसएस) में खराबी के कारण यातायात नियंत्रक मैन्युअल रूप से उड़ान योजनाएं तैयार कर रहे हैं, जिससे प्रक्रिया में देरी हो रही है। इसके अलावा, बढ़ता हवाई यातायात और हवाई अड्डे पर चल रहा निर्माण कार्य भी इस व्यवधान का कारण बन रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर शुक्रवार सुबह से अफरा-तफरी का माहौल है। हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न तो विमान उड़ान भर पा रहे हैं और न ही उतर पा रहे हैं, जिसके चलते यात्री घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं।
विमानों की जानकारी देने वाली वेबसाइटों के अनुसार, उड़ानों के प्रस्थान में औसतन 50 मिनट की देरी हो रही है। कुछ उड़ानों को डायवर्ट भी किया गया है, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। एयरलाइंस कंपनियां लगातार अपडेट दे रही हैं, लेकिन स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है। स्पाइसजेट ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “एटीसी सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली और उत्तरी क्षेत्रों की उड़ानों पर असर पड़ा है। हमारी टीमें यात्रियों की सहायता के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।” वहीं, इंडिगो ने भी यात्रियों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा, “हमारी क्रू और ग्राउंड टीमें यात्रियों की सहायता कर रही हैं।
यात्रियों का कहना है कि लंबी प्रतीक्षा और अपडेट की कमी से उनकी यात्रा योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी खामी को ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की समयसीमा स्पष्ट नहीं है। यह घटना हवाई यातायात प्रबंधन की तकनीकी निर्भरता और इसके जोखिमों को उजागर करती है।
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