डॉ मनमोहन की जयंती: पीएम मोदी ने योगदान को सराहा, खरगे बोले- वे आर्थिक सुधारों के जनक
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री, दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह की जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को सराहना की। इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे ने उन्हे पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ सिंह आर्थिक सुधारों के जनक हैं और उनके सुधारों से आज भी देश लाभान्वित हो रहा है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी डॉ सिंह के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। एक्स पर अपने संदेश में उन्होंने कहा, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को उनकी जयंती पर याद कर रहे हैं। देश की सेवा में उनके वर्षों को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस ने भी उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जयंती के मौके पर शुक्रवार को देश के विकास में उनके योगदान को याद किया और कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवा के एक चिरस्थायी प्रतीक बने रहेंगे। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, हम राष्ट्र निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हैं। वह भारत के आर्थिक परिवर्तन के एक सूत्रधार थे। वह विनम्रता और बुद्धिमत्ता के धनी थे तथा सबके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करते थे और अपने कार्यों से अपनी बातों को ज्यादा प्रभावशाली बनाते थे।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह लंबे समय तक राज्यसभा सांसद रहने वाले देश के चुनिंदा नेताओं में शुमार थे। वह लगभग 33 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में नई वित्तीय और प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत की। वर्ष 1991 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे। उसी साल वह 1991 से 1996 तक तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे। सिंह का जन्म 26 सितंबर,1932 को पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। सिंह ने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दीं। उनका 26 दिसंबर, 2024 को निधन हो गया। डॉ सिंह 1976 से 1980 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे। अप्रैल 1980 से सितंबर 1982 तक वह योजना आयोग के सदस्य सचिव रहे। सितंबर 1982 से जनवरी 1985 तक वह एक बार फिर रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। जनवरी 1985 से जुलाई 1987 तक वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष के पद पर रहे। इसके बाद वह 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी काम किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। साल 1987 में पद्म विभूषण, साल 1993 में वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार, 1993 और 1994 में वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी पुरस्कार और 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार शामिल है।
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