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  • Tuesday, 19 August 2025
कांग्रेस अधिवेशन से पहले ED का ऐक्शन, कई नेताओं के घर कोयला घोटाले में छापा

कांग्रेस अधिवेशन से पहले ED का ऐक्शन, कई नेताओं के घर कोयला घोटाले में छापा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले को लेकर एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ऐक्शन में है। ईडी ने सोमवार सुबह 14 जगहों पर छापेमारी शुरू की है। कई कांग्रेस नेताओं के आवास और दफ्तरों पर भी छापेमारी की जा रही है। इससे पहले 13 जनवरी को ईडी ने रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई शहरों में छापेमारी की थी। तब कई आईएएस, नेताओं और कारोबारियों के घर पर छापेमारी की गई।

ईडी की ताजा छापेमारी ऐसे समय पर हो रही है जब राज्य में कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है। 24 से 26 फरवरी के बीच आयोजित होने जा रहे अधिवेशन में पार्टी के 10 हजार पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता हिस्सा लेने जा रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने छापेमारी की पुष्टि करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर के अलावा दुर्ग जिले में इसे अंजाम दिया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, जिन नेताओं के यहां छापे की खबर है उनमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी आदि शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ' कुछ वरिष्ठ नेताओ के ठिकानो, प्रवक्ताओं और एक विधायक के घर पर ईडी की छापेमारी की जा रही है। सूत्रों ने बताया की मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की आपात बैठक अपने आवास पर बुलाई।

आरोप है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य में प्रति टन कोयले की ढुलाई पर 25 रुपये प्रति टन अवैध उगाही की जा रही थी। ईडी सूत्रों का कहना है कि 2021 में इस तरह करीब 500 करोड़ रुपए की वसूली की गई। इसमें कांग्रेस के कई नेताओं के भी शामिल होने के आरोप हैं।

इससे पहले अक्टूबर 2022 में भी करीब 40 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। तब 4 करोड़ कैश, करोड़ों के सामान, अहम दस्तावेज आदि बरामद किए गए थे। इस दौरान भी कई नेताओं, कारोबारियों और अफसरों के ठिकानों की तलाशी ली गई थी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आरोपों से इनकार करते हुए कहते रहे हैं कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उनका कहना है कि इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।

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