कर्नाटक का मोदी-येदि कनेक्शन, संन्यास के बाद भी हैं पोस्टर बॉय; शाह भी दे रहे संकेत
बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की बढ़ती नजदीकियां बड़े सियासी दांव के संकेत दे रही हैं। भले ही कर्नाटक के 4 बार के सीएम राजनीति से दूरी बनाने का ऐलान कर चुके हों, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज उन्हीं पर भरोसा करते नजर आ रहे हैं।
सोमवार को पीएम मोदी ने खुले मंच से वरिष्ठ भाजपा नेता को सराहा और जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने दिन को 'खास' बताया है। इससे पहले जनवरी में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद भी अटकलों का दौर शुरू हो गया था। दक्षिण भारतीय राज्य में साल के मध्य तक विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
कर्नाटक के शिवमोगा में विकास कार्यों की शुरुआत करने पहुंचे पीएम मोदी ने येदियुरप्पा का विशेष जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'आज का दिन एक और वजह से खास है। आज कर्नाटक के लोकप्रिय नेता बीएस येदियुरप्पा का जन्मदिन है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करता हूँ। उन्होंने अपना जीवन गरीब किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। कर्नाटक विधानसभा में बीते सप्ताह उनका भाषण सभी के लिए प्रेरणा है।' भाजपा नेता अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं।
जनवरी में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पीएम मोदी और येदियुरप्पा के बीच 15 मिनट की मुलाकात हुई थी। खास बात है कि लिंगायत समर्थकों में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने वाले भाजपा नेता को हाल ही में पार्टी ने संसदीय बोर्ड में भी जगह दी है। वह चार बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इधर, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई की गद्दी भी डोलती नजर आने लगी थी। हालांकि, खबरें हैं कि इस साल पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।
गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कर्नाटक में रैली के दौरान वेदियुरप्पा पर भरोसा रखने की अपील की थी। बेल्लारी जिले में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था, पीएम मोदी और येदियुरप्पा पर एक बार भरोसा करें और हम आपको ऐसी सरकार देंगे, जो कर्नाटक को भ्रष्टाचार से मुक्त कराएगी और दक्षिण भारत में शीर्ष राज्य बनाएगी।' जनसभा के बाद उन्होंने कोर कमेटी की बैठक भी ली थी, जिसमें येदियुरप्पा भी शामिल रहे थे।
भाषा के अनुसार, येदियुरप्पा ने शनिवार को वीरशैव लिंगायत समुदाय से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपना समर्थन जारी रखने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मैं वीरशैव- लिंगायत समुदाय से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि वह भाजपा का समर्थन करे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे अब तक हर तरह के मौके दिए हैं। मैं स्वेच्छा से (चुनावी राजनीति से) संन्यास ले रहा हूं क्योंकि मैं 27 फरवरी को 80 साल का हो जाऊंगा।'
येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, 'वीरशैव लिंगायत भाइयों को बिना किसी गलतफहमी के पहले की तरह मेरा समर्थन करते रहना चाहिए और भाजपा को जीत दिलानी चाहिए। यह मेरा उनसे अनुरोध है।'
येदियुरप्पा ने बुधवार को विधानसभा में अपने विदाई भाषण में कहा कि वह अंतिम सांस तक ईमानदारी से पार्टी को मतबूत करने और उसे सत्ता में लाने का प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कहा, अगर भगवान मुझे शक्ति देता है तो मैं अगले चुनाव में भी, जो इस चुनाव के पांच साल बाद होगा, भाजपा को सत्ता में लाने के लिए सभी प्रयास करूंगा। जैसा कि आप पहले से ही अवगत हैं कि मैंने कहा है कि मैं अब चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन मुझे जो सम्मान दिया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पार्टी द्वारा दिए गए पदों को मैं जीवनभर नहीं भूल सकता हूं।'
Sunil Singh
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